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आवक घटने और भाव कम मिलने से कृषि उपज मंडी की आमदनी प्रभावित

locationभिंडPublished: Feb 28, 2023 05:34:55 pm

Submitted by:

Vikash

रोजाना १५ से २० ट्रॉली ही आ रही है उपज

आवक घटने और भाव कम मिलने से कृषि उपज मंडी की आमदनी प्रभावित
आवक घटने और भाव कम मिलने से कृषि उपज मंडी की आमदनी प्रभावित
भिण्ड. बाजार में सरसों सहित गेहूं व बाजरे की कीमतें कम हो जाने से कृषि उपज मंडी समिति की आमदनी बुरी तरह प्रभावित हुई है। हालात यह हैं कि जनवरी माह का कर्मचारियों को वेतन तक नहीं मिल पाया पाया है। फरवरी में भी यही हालात दिख रहे हैं, जिससे इस माह का वेतन मिल पाना भी मुश्किल होगा। इसी चक्कर में मंडी में खरीदी जाने वाली कृषि उपज की बोली भी देर से लग पाती है। सोमवार को दोहपर एक बजे तक बोली शुरू नहीं हो पाई थी, जबकि किसान सुबह 10 और 11 बजे से आकर मंडी परिसर में बैठ गए थे।
कृषि उपज मंडी समिति को इस समय 10-15 ट्रॉली सरसों और चार 200-250 ङ्क्षक्वटल बाजरा एवं इतना ही लगभग गेहूं मिल पा रहा है। सरसों भी रोज नहीं आ रही है। सरसों का भाव इस समय 4500 से 5100 रुपए ङ्क्षक्वटल तक आ जाने किसान बेचने नहीं आ रहे। रोज औसतन 15-20 लाख रुपए का ही कारोबार हो पा रहा है। ऐसे में मंडी समिति को कमीशन के तौर पर कुछ ज्यादा नहीं मिल पाता है। इससे मंडी समति के 22 कर्मचारियों का हर माह दिया जाने वाला करीब आठ लाख रुपए वेतन-भत्तों के लिए भी नहीं निकल पा रहा है।
सरसों और गेहूं की फसल आने पर मंडी में औसतन रोज 10 हजार ङ्क्षक्वटल तक उपज की आवक होती है। इससे कारोबार अच्छा चलता है और कृषि उपज मंडी समिति अपनी सारी व्यवस्थाएं कर लेती है। लेकिन इस समय 500 ङ्क्षक्वटल के आसपास ही उपज आ पा रही है। उस पर भी भाव कम हैं। ऐसे में मंडी को हर माह 16-20 लाख रुपए की आमदनी भी नहीं हो पा रही है। जबकि आठ लाख रुपए तो वेतन-भतों पर ही खर्च करने होते हैं। ऐसे में मंडी को 16-20 लाख रुपए की आय एक माह में हो तब कर्मचारियों का वेतन निकल पाएगा। मंडी प्रबंधन का कहना है कि मंडी हो होने वाली आय पर 50 प्रतिशत हिस्सा मंडी बोर्ड को जाता है। इसलिए जनवरी में आय कम होने से कर्मचारियों को वेतन का भी भुगतान नहीं हो पाया है। यही स्थिति फरवरी में रह सकती है।
&हम गेहूं लेकर बेचने आए हैं। सुबह 11 बजे आ गए थे, लेकिन दोपहर एक बजे तक भी बोली लगना शुरू नहीं हो पाई है। बोली लगने के बाद कब तुुलाई और भुगतान होगा और घर जा पाएंगे।
अनंतराम ङ्क्षसह, किसान, ऊमरी।
&हम सुबह मंडी में जल्दी आ गए थे, ताकि जल्द अपनी उपज बेचकर घर लौट जाएं, शाम को एक कार्यक्रम में जाना है, लेकिन एक बजे तक बोली ही नहीं लग पाई है।
जयनारायण ङ्क्षसह, किसान, हजूरीपुरा।
&इन दिनों आवक कम होने से कर्मचारी बोली लगाने और व्यापारी तौल कराने में दिलचस्पी कम ले रहे हैं। व्यापारी देर से आने के कारण बोली नहीं लग पाती। किसानों को इस दौरान परेशान होना पड़ता है।
मुरली ङ्क्षसह, किसान, अहरौली।
&बाजरा सहित अन्य उपज लेकर सामूहिक रूप से बचने आए हैं, लेकिन दो घंटे से अधिक समय हो गया बैठे हुए, बोली नहीं लग पा रही है। वैसे भी इन दिनों भाव अच्छा नहीं मिल रहा।
गुड्डू ङ्क्षसह भदौरिया, किसान, जामपुरा।
फैक्ट फाइल
10 हजार बोरी तक उपज आती है सीजन पर मंडी में।
500 बोरी भी उपज नहीं आ रही इन दिनों मंडी में।
5000 रुपए तक आ गया है सरसों का भाव वर्तमान में।
7000 तक था सीजन के समय सरसों का मंडी में भाव।
2100-2200 रुपए तक है मंडी में इस समय गेहूं का भाव।
3100 रुपए तक पहुंच गया था एक माह पहले भाव।
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