किसी भी मामले की जांच के लिए डेढ़ से दो माह पर्याप्त समय होता है। प्रधान आरक्षक रामकुमार शुक्ला आत्महत्या केस में न केवल मृत्युपूर्व कथन पुलिस के पास हैं बल्कि उनके द्वारा छोड़ा गया, सुसाइट नोट के अलावा वीडियो भी है, जिसमें रामकुमार शुक्ला ने वरिष्ठ अधिकारियों की प्रताडऩा के संबंध में विस्तार से बताया है। बावजूद इसके अभी तक पुलिस जांच रिपोर्ट पेश नहीं कर पाई है। मृतक प्रधान आरक्षक की पत्नी लीला शुक्ला का कहना है कि वे अपना पति खोने के बाद इंसाफ के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को कई बार गुहार लगा चुकीं हैं लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा है।
पांच बार नोटिस भेजने पर भी बयान देने नहीं पहुंच रहे मृतक के परिजन- डीआईजी प्रधान आरक्षक रामकुमार शुक्ला आत्महत्या मामले में डीआईजी चंबल अनिल शर्मा कहते हैं कि जांच अभी तक पूरी हो गई होती यदि परिजनों का सहयोग मिलता। मृतक के परिजनों को उनके कथन देने के संबंध में पांच बार नोटिस भेजा जा चुका है लेकिन वे एक बार भी कथन देने नहीं पहुंचे हैं। बताना मुनासिब है कि मामले की जांच मुरैना एएसपी अनुराग सुजानियां कर रहे हैं।
&मामले की जांच शीघ्र पूरा कराए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। संबंधित जांच अधिकारियों को जांच पूरी कर रिपोर्ट पेश करने के लिए इस विषय में निर्देश दे दिए गए हैं। उमेश जोगा, पुलिस महानिरीक्षक चंबल संभाग