इस अवसर पर आचार्य सौभाग्य सागर ने कहा कि जब-जब मानव प्रकृति से छेड़छाड़ करता है तभी किसी न किसी रूप में भयंकर आपदाएं आती है। इससे मानव जीवन प्रभावित होता है। पूरा विश्व इस समय कोरोना महामारी से जूझ रहा है। इसे रोकने में धर्म अनुष्ठान से बड़ा कोई साधन नजर नहीं आता। इसलिए क्षेत्र में किसी प्रकार की आपदा विपदा न आए। इसे रोकने के लिए धर्म का रास्ता लेना पड़ता है। आज हम सभी एक स्थान पर बैठकर महामृत्यंजय जाप्यानुष्ठान कर भगवान की आराधना कर रहे हैं, जिससे किसी प्रकार की आदि व्याधि हमारे पास न आ सके। आचार्य ने कहा कि मंत्रों में वह शक्ति होती है कि जहां-जहां तक ध्वनि पहुंचेगी वहां तक का वातावरण साफ और स्वच्छ होगा। इसलिए सभी समाज के व्यक्तियों को भी इस जाप्यानुष्ठान में बैठकर भगवान की आराधना करना चाहिए।