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हंगामे के बीच हुए जैन महासभा चुनाव

locationभिंडPublished: Mar 05, 2019 11:15:50 pm

Submitted by:

Rajeev Goswami

भदावर प्रांतिक दिगंबर जैन महासभा के लिए सुबह सात से शाम चार बजे तक हुआ मतदान

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हंगामे के बीच हुए जैन महासभा चुनाव

भिण्ड. भदावर प्रांतिक दिगंबर जैन महासभा के संचालक मंडल का चुनाव मंगलवार को अव्यवस्थाओं और हंगामे के बीच शाम चार बजे तक संपन्न हुआ, जबकि मतगणना कार्य शाम 5:30 बजे शुरू हो पाया। मतदान दोपहर 3 बजे बंद होना था लेकिन मतदाता अधिक संख्या में कतारबद्ध हो जाने से निर्धारित समय से एक घंटे ’यादा मतदान कराया गया। ऐसे में मतगणना कार्य भी एक घंटे विलंब से शुरू हो सका। कुल 3455 मतदाताओं में से 2296 ने मतदान किया।
यहां बतादें कि दिगंबर जैन महासभा के लिए इससे पूर्व वर्ष 2014 में चुनाव हुए थे। तीन साल का कार्यकाल पूरा होने पर वर्ष 2017 में चुनाव कराए जाने थे लेकिन नहीं कराए गए। दो वर्ष विलंब से हो रहे भदावर प्रांतिक दिगंबर जैन महासभा के संचालक मंडल के चुनाव में जैन युवा मंडल पैनल से 17, प्रज्ञ संघ पैनल से 21 उम्मीदवारों के अलावा चार निर्दलीय सहित कुल 42 प्रत्याशी चुनाव मैदान में रहे। 1955 में शहर के जैन समाज के उदारमना व्यक्तियों ने लाखों रुपए की राशि दान देकर की जैन हायर सेकंडरी विद्यालय व जैन महाविद्यालय की स्थापना समाज के ब”ाों को नि:शुल्क व बेहतर शिक्षा दिलाने के उद्देश्य से की थी। इन संस्थाओं को अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान का दर्जा प्राप्त है।
महासभा में संचालक बनने की रुचि इतनी बढ़ी कि 1990 से चुनाव प्रक्रिया करनी पड़ी लागू : वर्ष 1990 से पूर्व समाज के प्रबुद्धजनों को संचालक मंडल के रूप में नोमिनेट किया जाता था। जैन हायर सेकंडरी एवं जैन महाविद्यालय जैसी शिक्षण संस्था को विकसित करने के लिए समाज के लोगों द्वारा लाखों रुपए दान दिया गया था। इन शिक्षण संस्थाओं को शासन से भी लाखों रुपए अनुदान के रूप में प्रदान किया जाता है। कॉलेज व विद्यालय में कंप्यूटर कक्षाएं, प्रयोग शालाएं एवं अन्य निर्माण कार्य संचालक मंडल की देखरेख में किए जाते हैं। ऐसे में लोगों की बढ़ती रुचि के चलते 1990 से चुनाव प्रक्रिया के तहत संचालक मंडल चुना जाने लगा। कुछ समय से संचालक मंडल पर घपले-घोटाले के आरोप भी लग रहे हैं।
तब हजारों में थी छात्र संख्या

दिगंबर जैन महासभा के संचालक मंडल को जब नोमिनेट किया जाता था तब जैन हायर सेकंडरी विद्यालय में छात्रसंख्या 1200 से 1500 रहती थी। इसी प्रकार जैन महाविद्यालय में छात्र संख्या 2200 से 2500 हुआ करती थी। वर्तमान में आबादी के साथ अनुदान राशि बढऩे के बाद भी जहां जैन हायर सेकंडरी विद्यालय की छात्र संख्या 250 से 300 रह गई है वहीं जैन महाविद्यालय में छात्र संख्या 1100 से 1200 रह गई है।
गोत्र समुदाय की संख्या के अनुपात में नोमिनेट किए जाते थे संचालक: भिण्ड शहर में गोल सिंघारे समुदाय सर्वाधिक संख्या में हैं। दूसरे नंबर पर गोलालारे समुदाय आता है। बाकी अन्य गोत्र समुदाय कम संख्या में हैं। नोमिनेट प्रक्रिया में सात सदस्य गोल सिंघारे, छह खरौआ, छह गोलालारे, दो लभेंचु व एक मारवाड़ी गोत्र के व्यक्ति को नोमिनेट किया जाता था। चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद किसी भी गोत्र का कोई भी व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है।
संचालक चुनेंगे कार्यकारिणी के पदाधिकारी : चुने हुए संचालक 21 सदस्यों की कार्यकारिणी का चुनाव करेंगे। कार्यकारिणी में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मंत्री, निरीक्षक, कोषाध्यक्ष व एक ऑडिटर चुना जाएगा। शेष संचालक सदस्यों में से एक को महाविद्यालय का अध्यक्ष व दो को शासकीय निकाय का सदस्य चुना जाएगा। वहीं एक को हायर सेकंडरी में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व मंत्री तथा पांच सदस्य चुने जाएंगे।
&महासभा द्वारा सूची दी गई उसी सूची के आधार पर हमें चुनाव कराना था, मतदाता घटाने-बढ़ाने का हमें अधिकार नहीं है। सूची का प्रकाशन कर एनाउंस कराया था तथा चश्पा भी कराई थी। दावे आपत्ती भी लिए गए थे। चुनाव पूरी तरह से फेयर कराया गया है।
रविसेन जैन, चुनाव अधिकारी, जैन महासभा भिण्ड

&चुनाव के पूर्व मतदाता सूची का पुनरीक्षण होना था तथा नए मतदाता जोडऩे का काम किया जाना था जो नहीं किया गया। इसलिए यह चुनाव प्रक्रिया दूषित है।
डॉ. मनोज जैन, पूर्व सदस्य संचालक मंडल

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