ताम्रपत्र से शुरु कछवाहा क्षत्रिय वंश लेखन अब होगा डिजिटलाइज
पचास साल से कर रहे कछवाहा क्षत्रियों के वंश लेखन का काम।
भिंड
Updated: May 10, 2022 02:04:24 pm
पी २६- बाराकला गांव में जसराम सिंह कुशवाह के यहां वंशावली लेखन करते जयपुर जिले के पृथ्वीराज सिंह चौहान।
पी २७- कछवाहा क्षत्रियों की वंशावली देखते हुए वंश लेखक पृथ्वीराज सिंह।
रविभान सिंह भदौरिया, भिण्ड।
राजा के पुत्र शब्द का अपभ्रंश होकर राजपूत शब्द हो गया। राजस्थान के जयपुर जिले की टूंगा तहसील के निवासी पृथ्वीराज सिंह चौहान पिछले पचास साल से कछवाहा क्षत्रियों की वंशावली लेखन का काम कर रहे हैं। इनके पूर्वजों ने ताम्रपत्र से वंशावली लिखने का काम शुरु किया। आज भी उनकों वे सहेजे रखे हुए हैं। आने वाली पीढ़ी के लिए क्षत्रियों की वंशावली की जानकारी एक क्लिक में यह जानकारी उपलब्ध होगी।
भिण्ड जिले में कछवाहा क्षत्रियों के गांवों में उनके वंश की जानकारी लिखने के लिए वंश लेखक आते हैं। पांच साल में एक गांव का नंबर आता है। वहां पहुंचकर परिवार में बढ़ी हुई सदस्य संख्या, शादी विवाह और परिवार से जुड़ी अन्य जानकारी को वंशावली के ऐतिहासिक दस्तावेज में दर्ज करते हैं। यह कार्य पृथ्वीराज सिंह चौहान पिछले कई पीढिय़ों से कर रहे हैं। उन्हें पचास साल हो चुके है। आने वाली पीढ़ी में उनके बेटे विक्रम सिंह भी इस काम में पिता का सहयोग कर रहे हैं।
पूर्वजों ने ताम्रपत्र से किया वंश लेखन :
इतिहास की जानकारी को दर्ज करने के लिए राजा महाराजा शिलालेख का प्रयोग करते थे। उसके बाद ताम्रपत्र, भोजपत्र का उपयोग किया जाने लगा। वर्तमान में कागजों में क्षत्रियों की वंशावली दर्ज की जा रही है। अब उसका आधुनिकीकरण किया जा रहा है। आने वाले समय में वंश लेखन के लिए आने वाले लोग रिकार्ड को डिजिटिलाइजेशन कर रहे हैं। जिले में कछवाहा घार के गांव और परिवारों की जानकारी एक क्लिक में मिलेगी।
धन से भी अधिक सुरक्षित रखे हैं दस्तावेज :
वंशावली से जुड़े दस्तावेजों की सुरक्षा धन से भी अधिक सुरक्षित तरीके से करनी पड़ती है। इतिहास में किसी प्रकार का कोई सुधार व छेड़छाड़ न हो सके इस कारण पुराने व नए दस्तावेजों को बहुत ही सुरक्षित तरीके से रखा गया है। साथ ही वह दो प्रतियों में तैयार किया जाता है। जिससे आपात स्थिति में एक को पूरी तरह से सुरक्षित बचाया जा सके।
क्या बोले वंश लेखक :
- क्षत्रियों के वंश की जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए वंशलेखन का कार्य कई पीढिय़ों से यह काम कर रहे हैं। साथ ही आने वाली पीढिय़ों को इस बात की जानकारी हो कि उनका इतिहास क्या है। इस लिए वंश लेखन का काम कर रहे हैं।
पृथ्वीराज सिंह चौहान, जयपुर राजस्थान।

ताम्रपत्र से शुरु कछवाहा क्षत्रिय वंश लेखन अब होगा डिजिटलाइज
पत्रिका डेली न्यूज़लेटर
अपने इनबॉक्स में दिन की सबसे महत्वपूर्ण समाचार / पोस्ट प्राप्त करें
अगली खबर
