जानकारी के अनुसार कल्लो मिर्धा पत्नी रामलखन मिर्धा निवासी रनूपुरा बरासों मेहगांव को सोमवार की रात 10 बजे प्रसव पीड़ा शुरू हुई। महिला का पति गुजरात के अहमदाबाद में मजदूरी करता है। लिहाजा घर पर कल्लो मिर्धा के अलावा उसकी सास मिथलेश देवी और देवर श्रीकृष्ण मिर्धा थे। महिला को जिला अस्पताल ले जाने के लिए गांव के ही युवक अजीत गुर्जर को उसकी जीप के साथ बुलाया और कल्लो मिर्धा को जिला अस्पताल ले जाया गया। मिथलेश देवी के अनुसार ११ बजे वह पुत्रवधू को लेकर जिला पहुंच गई थी, लेकिन वहां तैनात नर्स व महिला चिकित्सक ने कल्लो को भर्ती नहीं किया बल्कि उससे पांच हजार रुपए की मांग की। ऐसे में करीब आधा घंटे से भी अधिक समय गुजर चुका था। लिहाजा परिजनों ने यह सोचकर कि जब पैसे ही देने हैं तो प्राइवेट अस्पताल में प्रसव कराएंगे उसे ले जाने लगे। इसी दौरान अस्पताल के गेट पर ही प्रसव हो गया। परिजन का कहना है कि नवजात बच्चे के पक्के फर्श पर गिरने के कारण उसकी मौके पर ही मौत हो गई। प्रसूता की हालत बिगडऩे पर उसे भर्ती कराया गया।
पीएम रिपोर्ट के अनुसार पेट में ही हो चुकी थी मौत नवजात बच्चे की मौत के बाद कराए गए पीएम के उपरांत आई रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ है कि बच्चे की पेट में ही मौत हो गई थी। चिकित्सकों ने बताया कि 20 घंटे पूर्व बच्चे की पेट में ही मौत हो गई थी। महिला को विलंब से अस्पताल लाया गया। ऐसे में प्रसूता की जान को बड़ा खतरा था जो टल गया है। कल्लो मिर्धा की हालत खतरे से बाहर बताई गई है।
प्रसूता के परिजनों से रिश्वत मांगे जाने के संबंध में जांच की जा रही है। दोषी पाए जाने पर संबंधितों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल उपरोक्त स्टाफ को प्रसूति वार्ड से हटा दिया गया है।
डॉ. अनिल गोयल, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल भिण्ड