scriptदूभर हो रहा बुजुर्गों का जीवन | Life of the elderly is getting difficult | Patrika News

दूभर हो रहा बुजुर्गों का जीवन

locationभिंडPublished: Dec 14, 2022 05:06:40 pm

Submitted by:

Abdul Sharif

दफ्तरों के चक्कर लगाने के बाद भी नहीं मिल पा रहा पीएम आवास, स्वनिधि, सामाजिक सुरक्षा पेंशन तथा खाद्यान्न योजना का लाभ

दूभर हो रहा बुजुर्गों का जीवन

दूभर हो रहा बुजुर्गों का जीवन

ग्वालियर. उम्र के अंतिम पड़ाव से गुजर रहे गरीब तबके के बुजुगऱ्ों को सरकार द्वारा उनके लिए संचालित की गई योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। पीएम आवास, स्वनिधि, सामाजिक सुरक्षा तथा, खाद्यान्न योजना आदि का लाभ लेने कई चक्कर लगाए पर कुछ भी हाथ नहीं लग पा रहा है। लिहाजा ऐसे बुजुर्ग बेबशी में हाड़तोड़ मेहनत कर जीवन की बसर कर रहे हैं।
ऐसे बुजुर्गों के लिए सरकार की तमाम योजनाएं निरर्थक साबित हो रही हैं। ग्वालियर शहर के अलग-अलग इलाकों में बड़ी संख्या में ऐसे बुजुर्ग हैं जिन्हें पात्र होने के बावजूद सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा। पत्रिका ने ऐसे बुजुर्गों के पास पहुंचकर उनके हालात जाने। सरकार की ओर से गरीब तबके के लोगों की जिंदगी आसान बनाने के उद्देश्य से पीएम आवास योजना, मुख्यमंत्री खाद्यान्न योजना तथा स्वनिधि योजना संचालित की जा रही है। जबकि बुजुर्ग तबके के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत पेंशन दिए जाने की योजना है। लेकिन इन योजनाओं का लाभ उन लोगों को ही मिल पा रहा है जो या तो जनप्रतिनिधियों के परिचित हैं या प्रशासनिक अधिकारियों की जान पहचान वाले हैं। ऐसे में 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के तंगहाल बुजुर्ग जो ज्यादा दौड़धूप नहीं कर सकते उनके लिए ये योजनाएं महज दिखावा बनी हुई हैं। धरातल पर इन योजनाओं का लाभ पात्र परिवारों को पूरी तरह से नहीं मिल पा रहा।
– इन्हें राशन तो मिलता है पर पेंशन व अन्य योजनाओं के लाभ से हैं वंचित
ग्वालियर शहर के महलगांव निवासी 80 वर्षीय भगवानदास पुत्र भागीरथ सिंह चार पहिया ठेले पर लोगों का सामान लादकर उसे उनके बताए स्थान पर उतारकर हर रोज 300 से 400 रुपए आय अर्जित कर परिवार पाल रहे हैं। भगवानदास के अनुसार उन्हें सरकारी राशन तो मिल जाता है लेकिन सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत पेंशन नहीं मिल रही। यहां तक कि उन्हें स्वनिधि योजना के तहत 10 हजार रुपए का ऋण भी मुहैया नहीं हो पाया है। बेबश में वह हाड़तोड़ मेहनत कर अपने चार सदस्यीय परिवार की आजीविका चला रहे हैं। भगवानदास ने बताया कि वह नगर निगम कार्यालय के कई चक्कर लगा चुके हैं पर पेंशन शुरू नहीं हो पाई। योजना में शामिल किए जाने के लिए मना नहीं किया जा रहा लेकिन चिंतनीय ये है कि उन्हें अभी योजना का लाभ नहीं दिया गया है।
– पति की मौत पर नहीं मिली अनुग्रह सहायता राशि, दुकान चलाने स्वनिधि योजना में ऋण भी नहीं मिल सका
गिरवाई निवासी 65 वर्षीय बेवा रामवती कुशवाह ने पत्रिका को बताया कि वर्ष 2018 में उनके पति की सडक़ हादसे में मौत हो गई थी। उसके बाद से उन्हें अभी तक अनुग्रह सहायता योजना के तहत सहायता राशि नहीं दी गई। तीन बेटी और दो बेटों सहित कुल छह सदस्यीय परिवार का लालन पालन करने के लिए वह स्वयं अचलेश्वर मंदिर के पास फुटपाथ पर बेलपत्र, धतूरा तथा फूल आदि पूजन सामग्री की दुकान लगाती आ रही हैं। उन्हें ठीक से धंधा करने के लिए स्वनिधि योजना के तहत 10 हजार रुपए का ऋण तक मुहैया नहीं हो पाया है। जबकि वह कई लोगों से गुहार कर चुकी हैं। न तो उनके पास रहने को अपना घर है और ना ही सामाजिक सुरक्षा के तहत पेंशन मिल रही। अंत्योदय योजना के तहत राशन तक नसीब नहीं हो पा रहा है।
– चल फिरने में हैं असमर्थ फिर भी चला रहे परिवार की आजीविका
रोशनी घर इंदरगंज निवासी 66 वर्षीय मदन बाबू आर्य पुत्र छोटेलाल आर्य ने बताया कि पांच सदस्यीय परिवार का भरण पोषण करना मुश्किल हो रहा है। इस उम्र में ठीक से चला फिरा भी नहीं जाता। यदि काम नहीं करें तो परिवार को दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो पाएगी। मदनबाबू के अनुसार उन्हें राशन तो मिलता है पर स्वनिधि योजना के तहत ऋण तथा सामाजिक सुरक्षा पेंशन नहीं मिल रही। जबकि उन्होंने नगर निगम के अलावा अन्य दफ्तरों में भी इसके लिए प्रयास किए लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। थक हारकर शांत बैठ गए हैं।
कथन.
जरूरतमंद बुजुर्ग तबके को योजनाओं का लाभ दिलाए जाने के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं। जिन्हें योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है ऐसे लोगों को सूचीबद्ध करवाकर लाभ दिलाएंगे।
शोभा सिकरवार, महापौर नगर निगम ग्वालियर
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