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रेत पर लगी रोक तो माफिया जुटे मिट्टी के खनन

locationभिंडPublished: Jan 24, 2018 11:42:16 pm

Submitted by:

monu sahu

चंबल और क्वारी के रिवाईन्स को खतरा
थ्रीडी लगाकर हो रही है खुदाई, वन और राजस्व अमला कर रहा अनदेखी

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अंबरीश शुक्ला फूप. फूप सर्किल में आने वाले चंबल और क्वारी के आसपास बसे दो दर्जन से अधिक गांवों में वन तथा राजस्व विभाग की जमीन से माफिया द्वारा मिट्टी का अवैध उत्खनन हो रहा है। अधिकारियों की अनदेखी से रिवाईन्स (प्राकृतिक टीलों) के सामने खतरा पैदा हो गया है। कई गंावों में तो रिवाईन्स को प्लेन कर खेती का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
वन तथा राजस्व विभाग की जमीन से मिट्टी खोदकर सड़क बनाने वाले ठेकेदारों तथा भराव कराने वाले भवन निर्माताओं को बेची जा रही है। यहां से खोदी गई मिट्टी 15 किमी दूर भिण्ड तक जा रही है। जितनी दूरी बढ़ जाती है मिट्टी की ट्रॉली की कीमत भी उसी अनुपात में होती है। कनकूरा, रानी विरगवां के आसपास से जा रही मिट्टी की एक ट्रॉली का भाव 300 से लेकर 350 रुपए तक है। कई माफिया तो सड़क बनाने तथा घरों में भराव कराने के लिए 50 हजार से लेकर 2.50 लाख तक का ठेका ले रहे हैं। यहां बता दें कि किसी भी माफिया ने मिट्टी का खनन करने के लिए न तो राजस्व विभाग से अनुमति ली है न ही वन महकमें से। स्थानीय लोगों की ओर से कईबार अधिकारियों से शिकायत भी की गई लेकिन हालात जस के तस हैं। अकेले फूप सर्किल से ही 200 से लेकर 250 ट्रॉली मिट्टी का खनन हो रहा है।
1500 के खर्च में 10000 हजार की कमाई

अधिकांश मिट्टी की खुदाई करने वाले माफिया ने दिन के हिसाब से थ्रीडी किराए पर ले रखी है। एक दिन का किराया करीब 1000 रुपए लगता है। शाम करीब 10 से 20 ट्रॉलियां खोदकर निर्धारित स्थान पर पहुंचा देता है।जिन लोगों ने दो ट्रॉलियांं लगा रखी है उनको डीजल खर्चा तथा थ्रीडी का खर्चा निकालकर 10 हजार रूपये की बचत आसानी से हो जाती है। फूप क्षेत्र में आधा सैकड़ा से अधिक लोग मिट्टी के अवैध उत्खनन का कारोबार कर रहे हैं।
इन गंावों में हो रही है मिट्टी की खुदाई

क्षेत्र के भदाकुर, नाहरा, भोनपुरा, छंछरी, विंडवा, भर्राज का पुरा, बरही, रानीपुरा, बड़ेपुरा, गढ़ा-चांचढ,रमा, कोषण, बिजौरा, चिलांैगा, चितावली, दुल्हागन, सोई, जनौरा, कल्याणपुरा, डिडी, कनकूरा, रानी विरगंवा, कनकूरा, सकराया आदि गांवों से मिट्टी का उत्खनन हो रहा है।
क्या है नियम

प्राइवेट जमीन से भी मिट्टी का खनन करने के लिए राजस्व विभाग से अनुमति लेनी होती है। अनुमति इस आधार पर दी जाती कि खुदाई कितनी गहरी और कितने क्षेत्रफल में होगी। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए वन विभाग तथा नदियों के किनारे की जमीन से मिट्टी खोदने की अनुमति देेने का प्रावधान नहीं हैं।
क्या है नियम

प्राइवेट जमीन से भी मिट्टी का खनन करने के लिए राजस्व विभाग से अनुमति लेनी होती है। अनुमति इस आधार पर दी जाती कि खुदाई कितनी गहरी और कितने क्षेत्रफल में होगी। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए वन विभाग तथा नदियों के किनारे की जमीन से मिट्टी खोदने की अनुमति देेने का प्रावधान नहीं हैं।
&फूप क्षेत्र में किसी को भी मिट्टी खोदने की अनुमति नहीं दी गई है। अवैध रूप से मिट्टी का खनन करने वालों का पता लगाया जाएगा और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

संतोष तिवारी एसडीएम भिण्ड
&वन विभाग के वीट प्रभारियों को निर्देश जारी किए गए हैं कि यदि विभाग की जमीन पर मिट्टी का खनन हो रहा है तो तत्काल सूचना दें।

सतेंद्र सिकरवार रेंजर अटेर भिण्ड

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