जब्त रेत की सुपुर्दगी जिला खनिज अधिकारी आरपी भदकारिया को दी गई थी। यहां सवाल ये है कि खनिज विभाग द्वारा रेत को चोरी से बचाने के प्रयास क्यों नहीं किए गए। पहल ही रात में रेत चोरी होने की सूचनाओं पर खनिज अधिकारी ने कार्यवाही क्यों नहीं की। इस तरह के कई सवाल हैं जिनके जवाब जिला खनिज अधिकारी देने में निरुत्तर हैं।
पत्रिका ने मंगलवार को, शहर में डेढ़ से दो और जिले में 10 करोड़ से अधिक के अवैध रेत डंप, शीर्षक से खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। खबर में भारौली रोड, कीरतपुरा रोड एवं बायपास किनारे लगे रेत के डंप का हवाला दिया था। खबर छपने के बाद मंगलवार की शाम तक अधिकांश डंप स्थल से माफिया ने रेत उठवा लिया। हैरानी की बात ये है कि प्रशासन कार्यवाही नहीं कर पाया। इस संबंध में जिला खनिज अधिकारी आरपी भदकारिया से बात करनी चाही तो उनका मोबाइल दोपहर से लेकर शाम तक स्विच्ड ऑफ बना रहा ऑफिस जाने पर वे कार्यालय में भी मौजूद नहीं मिले।
निरर्थक साबित हो रहे चेक नाके
कलेक्टर आशीष कुमार गुप्ता के निर्देश पर जिले भर में रेत के अवैध परिवहन को रोकने के लिए नौ चेक नाके स्थापित किए गए हैं। ऊमरी क्षेत्र में मोहाण्ड मार्ग पर नाका बनाया गया है जहां कोई मौजूद ही नहीं रहता। खुद एसडीएम के निरीक्षण में नाके पर तैनात अधिकारी नदारद पाए गए थे।
कलेक्टर आशीष कुमार गुप्ता के निर्देश पर जिले भर में रेत के अवैध परिवहन को रोकने के लिए नौ चेक नाके स्थापित किए गए हैं। ऊमरी क्षेत्र में मोहाण्ड मार्ग पर नाका बनाया गया है जहां कोई मौजूद ही नहीं रहता। खुद एसडीएम के निरीक्षण में नाके पर तैनात अधिकारी नदारद पाए गए थे।
“पुलिस, खनिज और राजस्व अमले द्वारा संयुक्त रूप से पुरा अतरसूमा व डूमना में अवैध रेत डंप को जब्त कर सुपुर्दगी खनिज विभाग को दी गई थी। जब्त रेत को नीलाम किए जाने तक सुरक्षा करनी चाहिए थी।”
संतोष तिवारी, एसडीएम भिण्ड
संतोष तिवारी, एसडीएम भिण्ड