मरने के नौ साल बाद भी सूची से नहीं कटा नाम
निर्वाचन कार्यालय को इतनी फुर्सत नहीं है कि मरने वाले लोगों के नाम उनकी मौत के आठ या १० महीने बाद तक सूची से हटा दें। यहां बतादें कि भूता बाई पत्नी रामदत्त शर्मा निवासी राजपूतनगर वार्ड क्रमांक 09 भिण्ड का देहांत 19 मई 2009 को हो चुका है। लेकिन उनका नाम अभी तक मतदाता सूची से काटा नहीं गया है।
प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में हैं ससुराल पहुंची बेटियों के वोट
भिण्ड विधानसभा क्षेत्र की बवेड़ी ग्राम पंचायत में 25 वर्षीय सरस्वती पिता शुत्रुघ्न सिंह, २६ वर्षीय पूर्वी पिता सुंदर सिंह एवं ग्राम पंचायत नुन्हाटा में २६ वर्षीय सरिता पिता रामनरेश, 27 वर्षीय संगीता पिता रामनरेश, चारों ही युवतियां पांच साल पूर्व पीहर से ससुराल चली गईं हैं जहां उनके ससुराल की मतदाता सूची में नाम भी दर्ज हो गए हैं। वहीं 41 वर्षीय स्मिता पिता मदन सिंह की शादी को करीब 20 साल हो गए हैं लेकिन पीहर की मतदाता सूची में अभी तक नाम दर्ज है।
अटेर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत कनेरा क्रमांक ०१ के मजरा ताल का पुरा की सूची में 38 वर्षीय शीला पिता रतन सिंह, ग्राम पंचायत खड़ीत क्रमांक 01 की सूची में 29 वर्षीय मंजू पिता अनिल, 37 वर्षीय अशा पिता पेजराम का नाम दर्ज है। दोनों गांव की तीनों बेटियों के विवाह 15 से 18 साल पूर्व हो चुके हैं। संबंधित महिलाओं के नाम उनकी ससुराल की मतदाता सूची में भी जुड़ गए हैं बावजूद इसके ग्राम पंचायत की सूची से नाम कट नहीं पाए हैं।
लहार विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत नौधा मजरा अंतियन का पुरा की सूची में ३८ वर्षीय गुड्डी पिता प्रेमनाथ, ३९ वर्षीय मुन्नी पिता रमेशचंद्र के नाम दर्ज हैं। 18 से 20 वर्ष पूर्व उपरोक्त महिलाओं के विवाह हो चुके हैं और वे ससुराल में भी मतदान कर रहीं हैं।
गोहद विधानसभा क्षेत्र के एण्डोरी क्रमांक 01 की मतदाता सूची में 25 वर्षीय बबली पिता अविलाख सिंह, २६ वर्षीय सरस्वती पिता अरविंद सिंह के नाम दर्ज हैं। और उनकी ससुराल की मतदाता सूची में भी जुड़ गए हैं।
मेहगांव विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत डिड़ोना के मजरा सुच्चा का पुरा की मतदाता सूची में 28 वर्षीय गुड्डी पिता राजेश एवं लालपुरा में 29 वर्षीय मनोज कुमारी पिता रामकृष्ण के नाम दर्ज हैं। ये तो महज उदाहरण भर हैं। औसतन प्रत्येक ग्राम पंचायत में 48 से 50 बोगस नाम दर्ज हैं।
विधानसभा चुनाव से पूर्व जिले भर की मतदाता सूची से ऐसे सभी नाम काटे जाने के निर्देश दिए जा रहे हैं। चुनाव के लिए जो मतदाता सूची तैयार होगी उसमें मरे हुए और दूसरे शहर में रहने वाले लोगों के नाम काटे जाएंगे।
टीएन सिंह, एडीएम एवं प्रभारी जिला निर्वाचन अधिकारी भिण्ड