ग्राम पंचायत के गरीब तबके ने यह सोचकर शौचालय निर्माण में अपना पैसा लगा दिया था कि देर सवेर उन्हें शासन से योजना के तहत भुगतान मिलेगा। लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनके साथ धोखाधड़ी हो जाएगी। ग्राम पंचायत सचिव व सरपंच ने जनपद पंचायत के अधिकारी कर्मचारियों से सांठगांठ कर उन लोगों के खातों में धनराशि पहुंचाकर बंदरबांट कर ली जिन्होंने शौचालय निर्माण के लिए आवेदन ही नहीं किया था। राकेश शर्मा पुत्र शिवरतन शर्मा निवासी अजनौधा, नीकेराम जाटव पुत्र कंचन जाटव, रूस्तम जाटव पुत्र फूले जाटव, विशंभर शुक्ला पुत्र बैजनाथ शुक्ला एवं अनिल सागोरिया आदि ने बताया कि सरकारी योजना को ग्राम पंचायत के उन्हीं जिम्मेदार जनप्रतिनिधि व कर्मचारी द्वारा पलीता लगाया जा रहा है जिन्हें योजना के क्रियान्वयन का जिम्मा सौंपा गया है। हितग्राही अपने रुपयों से शौचालय बनवाने के बाद धनराशि पाने के लिए ग्राम पंचायत सचिव व सरपंच के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उन्हें यह कहकर टरकाया जा रहा है कि अभी धनराशि आई ही नहीं है, जबकि शासन द्वारा उनके नाम से भेजी गई राशि को दूसरों के खातों में भिजवाकर हड़प कर लिया गया है। जनपद पंचायत सीईओ से इस संबंध में बात करने पर उन्होंने बताया कि फर्जी तरीके से किए गए भुगतान की जांच बीडीओ द्वारा की जा रही है।
-हितग्राहियों के नाम की धनराशि का गलत तरीके से भुगतान कर लिए जाने के मामले की जांच चल रही है। इसमें हमारा कोई इन्वॉल्वमेंट नहीं है। रेखा शर्मा, सरपंच ग्राम पंचायत अजनौधा मेहगांव
-हितग्राहियों के खातों में धनराशि पहुंचाने के बजाए अन्य व्यक्तियों के खाते में पहुंचाई गई है। मामले की जांच की जा रही है। दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। अतुल प्रकाश सक्सेना, सीईओ जनपद पंचायत मेहगांव
-मुझे कंप्यूटर चलाना भी नहीं आता है। मैने कोई धनराशि आहरण नहीं की है। राकेश शर्मा, सचिव ग्राम पंचायत अजनौधा मेहगांव