scriptअब किनके सहारे जलेगा घर का चूल्हा | Now with whom will the house burn | Patrika News
भिंड

अब किनके सहारे जलेगा घर का चूल्हा

मेहगांव. ग्वालियर के बिरला नगर में गुरुवार के दिन उस समय मातम छा गया जब एक साथ चार अलग-अलग परिवारों के शव लाए गए।

भिंडJan 12, 2018 / 05:22 pm

monu sahu

accident, whom, burn, road, bhind news, bhind news in hindi, mp news
मेहगांव. ग्वालियर के बिरला नगर में गुरुवार के दिन उस समय मातम छा गया जब एक साथ चार अलग-अलग परिवारों के शव लाए गए। यह सभी चार मृतक अपने-अपने परिवार के इकलौते भरण पोषक थे। नरेश पारीक, मनोज चाहर, राजवीर यादव और केदार जादौन की जिंदगी को एक तरह से अनियंत्रित गति ने निगल लिया है।
राजवीर यादव प्रायवेट वाहन चलाकर अपने परिवार की आजीविका चला रहा था वहीं नरेश पारीक, मनोज चाहर व केदार जादौन पशु व्यापारी थे। तीनों ही पशु व्यापारी अपने घर से गुरुवार की अल सुबह ४ बजे इटावा जाने के लिए तैयार हुए थे। घर से रास्ते के लिए खाना भी तैयार करवा लिया था और पौने दो लाख रुपए लेकर पशुओं की खरीद फरोख्त के लिए ग्वालियर से ही लोडिंग वाहन किराये पर लेकर चालक राजवीर यादव को साथ लेकर रवाना हुए थे। उन्हें क्या पता था कि ये सफर उनका आखरी सफर साबित हो जाएगा।
प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो डंपर इतनी तेज गति में आ रहा था कि उससे बचकर निकलने के लिए लोडिंग वाहन चालक को अवसर ही नहीं मिल पाया। डंपर चालक खुद भी गति को नियंत्रित नहीं कर पाया और लोडिंग वाहन से टकराने के बाद खाई में जाकर पलट गया।
शव देख नम हुईं लोगों की आंखें

मृतकों के शव जैसे ही उनके परिजनों द्वारा बिरला नगर ग्वालियर स्थित अपने घर ले जाए गए तभी वहां मौजूद लोगों की आंखों में आंसू आ गए। जहां परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था वहीं पड़ौसी भी गमजदा दिखाई दे रहे थे। रोजी-रोटी कमाने के लिए घर से निकले परिवार के मुखिया शव बनकर लौटेंगे यह किसी ने नहीं सोचा था। यह नजारा देखकर रिश्तेदार भी बरबश रो पड़े।
अब कैसे चलेगी इनके परिवारों की आजीविका

बताना मुनासिब है कि राजवीर यादव अपने एक भाई के अलावा मां, बाप और पत्नी सहित कुल आधा दर्जन सदस्यीय परिवार के लिए अकेला कमाई का जरिया बना हुआ था। वहीं नरेश पारीक अपनी २५ वर्षीय बेटी की शादी की तैयारियां कर रहा था। उसके कंधों पर मां-बाप के अलावा चार बच्चों सहित सात सदस्यीय परिवार के लालन पालन का जिम्मा था। इसी तरह केदार जादौन अपने पीछे तीन बेटे और दो बेटियां सहित कुल सात सदस्यीय परिवार का भरण पोषण कर रहा था। वहीं मनोज चाहर अपने दो बच्चों, एक छोटे भाई और मां -बाप सहित सात सदस्यीय परिवार पाल रहा था। इनकी मौत के बाद उनके परिवारों पर आजीविका का संकट उत्पन्न हो गया है।
अनियंत्रित गति पर नहीं लग पा रहा अंकुश

नेशनल तथा स्टेट हाईवे पर अनियंत्रित गति के चलते सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। जिला परिवहन महकमे की ओर से इसके खिलाफ किसी प्रकार का न तो अभियान चलाया जा रहा है और ना ही ऐसे चालकों के खिलाफ चालान की कार्यवाही की जा रही है। आए दिन लोग सड़क दुर्घटनाओं में काल कवलित हो रहे हैं।

Home / Bhind / अब किनके सहारे जलेगा घर का चूल्हा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो