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83 प्रतिशत आधार और 82 प्रतिशत ही खाते हो पाए डीबीटी सक्रिय, संभाग में जिला सबसे पीछे

locationभिंडPublished: May 21, 2023 01:09:20 pm

Submitted by:

Ravindra Kushwah

मप्र सरकार की लाड़ली बहना योजना में आवेदन करने वाली महिलाओं के आधार नंबर बैंक खातों से लिंक करने और डीबीटी इनेबल्ड करने के मामले में जिला फिसड्डी साबित हुआ है। 2.71 लाख से ज्यादा आवेदन भरे गए थे और ई-केवायसी 2.85 लाख से ज्यादा इस दौरान कराई गई। जबकि आधार लिंक 82.66 और डीबीटी सुविधा 81.90 प्रतिशत ही हो पाए। ऐसे में संभाग की एक लाख से अधिक महिलाएं आवेदन भरने के बावजूद योजना के लाभ से वंचित रह सकती हैं।

लाड़ली बहना योजना-भिण्ड

महिला विकास कार्यालय, भिण्ड।

रवींद्र सिंह कुशवाह, भिण्ड. जिले में दो लाख 39 हजार 232 महिलाओं को ही लाभान्वित करने का लक्ष्य है।
आवेदन पत्र ऑनलाइन भरे जाने और दावे-आपत्तियां प्राप्त होने के बाद जब अंतिम सूची तैयार करने की कवायद शुरू हुई तो पता चला है कि दो लाख 71 हजार 673 आवेदन भरे गए हैं और दो लाख 85 हजार 821 महिलाओं ने ई-केवायसी करवाई है। लेकिन आधार लिंक कर खातों की संख्या दो लाख 24 हजार 573 ही पहुंच पाई है। जो भरे गए आवेदनों का कुल 82.66 प्रतिशत है। 17.34 प्रतिशत महिलाओं के बैंक खातों में आधार नंबर नहीं जुड़ा है। जबकि डीबीटी सुविधा सक्रिय खातों की संख्या दो लाख 22 हजार 509 ही हो पाई है। इसका प्रतिशत 81.90 ही हो पाया है। कुल भरे गए आवेदनों के विरुद्ध चार हजार 335 आपत्तियां जिले में प्राप्त हुई हैं। आधार नंबर बैंक खातों से जोडऩे और डीबीटी सक्रिय खातों की संख्या में जिले के पिछडऩे के बाद प्रशासन में खलबली मची है। लहार में एसडीएम नवनीत शर्मा ने स्वयं बैंकों में जाकर डीबीडी सक्रिय करने और आधार नंबर जोडऩे में आ रही व्यावहारिक समस्याओं पर महिलाओं से जानकारी ली और बैंक प्रबंधनों को सक्रियता बढ़ाने पर जोर दिया। हालांकि महिला बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी अवकाश पर होने हो व्यावहारिक समस्याएं भी आ रही हैं।
श्योपुर सबसे आगे, मुरैना दूसरे स्थान पर
श्योपुर जिले में कुल एक लाख आठ हजार 345 आवेदन भरे गए थे और एक लाख 21 हजार 62 महिलाओं ने ई-केवायसी करवाई। 94 हजार 825 महिलाओं के आधार नंबर बैंक खातों से जुड़ हैं जो कुल आवेदनों का 87.52 प्रतिशत है और 93 हजार 847 खातों में डीबीटी सक्रिय होकर इसका प्रतिशत भी 86.62 है। श्योपुर में औसत के हिसाब से आपत्तियां ज्यादा हैं। यहां कुल 3213 आपत्तियां मिली हैं। जबकि मुरैना में तीन लाख 29 हजार 645 आवेदन भरने के साथ ही तीन लाख 42 हजार छह महिलाओं ने ई-केवायसी करवाई। दो लाख 86 हजार 564 महिलाओं के बैंक खाते आधार से लिंक हैं जो 86.93 प्रतिशत हैं और दो लाख 82 हजार 775 महिलाओं के बैंक खातों में डीबीटी सुविधा सक्रिय है। यह उपलब्धि भी 85.78 प्रतिशत है। मुरैना में सबसे अधिक छह हजार 481 आपत्तियां प्राप्त हुई हैं।
अधिकारियों ने प्रारंभ में नहीं दिया ध्यान
लाड़ली बहना योजना में जो अव्यवस्थाएं रहीं, उन पर अधिकारियों ने शुरू में ध्यान नहीं दिया। महिलाओं को ई-केवायसी के भी चक्कर काटने पड़े, फिर बैंक में आधार नंबर जुड़वाने के लिए चक्कर काटे, बाद में डीबीटी सुविधा भी शुरू करने के लिए धक्के खाने पड़े। अब तक महिलाएं बैंकों में आधार नंबर जुड़वाने ओर डीबीटी सुविधा सक्रिय करवाने के लिए बैंकों के चक्कर काट रही हैं।
11 दिन में सब कुछ ठीक करने का दावा
प्रशासन का दावा है कि जो प्रारंभ में खामियां रह गईं, उन्हें दूर करवा दिया जाएगा और अंतिम सूची तैयार होने तक सभी खातों में आधार लिंक और डीबीडी इनेबल्ड करवा दी जाएगी। शुक्रवार से ही बैंक प्रबंधनों और समस्त एसडीएम को इसके लिए विशेष पहल करने के लिए निर्देशित कर दिया गया है। देखना होगा 30 मई तक कितनी सफलता मिलती है। 31 मई को अंतिम सूची का प्रकाशन हो जाएगा।
फैक्ट फाइल
709663 आवेदन चंबल संभाग में भरे गए हैं कुल।
748889 महिलाओं ने कराई ई-केवायसी इस दौरान।
605962 महिलाओं के आधार लिंक हैं बैंक खातो से
599131 महिलाओं के खाते हैं डीबीटी इनेबल्ड संभाग में।
85.39 प्रतिशत बैंक खातों में आधार नंबर हो चुका है लिंक।
84.42 प्रतिशत बैंक खातों में ही है डीबीटी सक्रिय की सुविधा।
14029 आपत्तियां आई हैं चंबल संभाग में कुल आवेदनों पर।
108468 महिलाओं के बैंक खातों में डीबीटी सुविधा नहीं।
कथन-
आवेदनों की तुलना में आधार लिंकिंग एवं डीबीटी सुविधा वाले खातों में बड़ा अंतर है। प्रयास किया जा रहा है कि आपत्तियों के निराकरण की प्रक्रिया पूरी होने तक अधिकतम सुविधा उपलब्ध करवा दी जाए।
डीके सिद्धार्थ, संयुक्त संचालक, महिला बाल विकास, चंबल संभाग।
-लाड़ली बहना योजना के खातों में आधार और डीबीटी सक्रिय की सुविधा कम है। इस पर प्रशासन ने संज्ञान लिया है और अनुविभाग स्तर पर एसडीएम एवं अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को यह काम पूरा कराने के निर्देश दिए हैं। अंतिम सूची तैयार होने तक कोशिश होगी ज्यादा सुविधा शुरू हो जाए।
जेपी सैयाम, अपर कलेक्टर, भिण्ड।

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