सप्ताह के प्रारंभ में तेज धूप और हवाएं थम जाने से अचानक तापमान में 5 डिग्री सेल्सियस तक ऊपर पहुंच गया था। इसके बाद आसमान में बादल छाने तथा कहीं-कहीं पर हल्की बंूदाबादी से तापमान लुढक़ गया है। मौसम में आ रहे बदलाव का असर सीधे तौर पर आम आदमी की सेहत पर पड़ा है। 22 फरवरी को ओपीडी 1350 थी जो मंगलवार को बढक़र 1540 तक पहुंच गए। वर्तमान में आने वाले 20 से 25 फीसदी मरीज, सर्दी, जुकाम, बुखार और खांसी से पीडि़त हैं। बीमारों में सबसे अधिक संख्या 15 साल तक के ब”ाों की है। 50 से 60 मरीजों को प्रतिदिन वार्ड में भर्ती करना पड़ रहा है। मरीजो की संख्या में बढ़ोत्तरी हो जाने से पर्चा बनवाने से लेकर डाक्टर के चंैबर तथा दवा कांउटर पर घंटों तक कतार में खड़ा होना पड़ रहा है। जिले की सीएचसी-पीएचसी में डाक्टरों की कमी के चलते बड़ी संख्या में मरीज सीधे जिला अस्पताल की ओपीडी में पहुंच रहें हैं। शहर के विभिन्न हिस्सों में प्राइवेट पे्रक्टिशनर्स के क्लीनिकों पर बड़ी संख्या में मरीज पहुंच रहें हैं। तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण शहरी क्षेत्र में म‘छरों का प्रकोप भी बढऩे लगा है। एक सप्ताह के भीतर ही जिला अस्पताल में आने वाले दो दर्जन से अधिक मरीजो में मलेरिया की पुष्टि की गई है। यदि प्राइवेट क्लीनिकों की संख्या भी जोड़ ली जाए तो मलेरिया पीडि़तों की संख्या एक सैकड़ा से अधिक पहुंच सकती है। शहर में सीवर लाइन डालने के लिए जगह-जगह गड्ढे खोदकर डाल दिए गए है। पानी भरने से इनमें म‘छर पनपने लगे हैं। इसके अलावा शहर में गंदगी के कारण भी मलेरिया फैलने की संभावना बढ़ गई है।
-मौसम में अचानक बदलाव होने से वायरल बीमारियों को प्रकोप बढ़ गया है। ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। करीब दो सैकड़ा से अधिक मरीज सर्दी से पीडि़त होकर आ रहे हैैं। फरवरी-मार्च के बीच प्रत्येक साल ऐसे ही स्थिति बनती है।
डा. अजीत मिश्रा सिविल सर्जन जिला अस्पताल भिण्ड