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ट्रैक्टर ट्रॉली का पहिया धंसा, निकलने के लिए जमीन खोदी तो निकला महल, देखने वालों की लग गई भीड़

locationभिंडPublished: Mar 03, 2020 07:10:39 am

Submitted by:

Rajeev Goswami

गोहद के नवीन नपा कार्यालय भवन परिसर का मामला, दिन भर लगा रहा देखने वालों का तांता

जमीन के नीचे से निकला ‘महल’

जमीन के नीचे से निकला ‘महल’

गोहद. गोहद नगर में नवीन नगर पालिका भवन परिसर में स्थित शिव मंदिर के पास निर्माण किए जा रहे पार्क के लिए मिट्टी लेकर गई ट्रैक्टर ट्रॉली के गुजरने पर अचानक ट्रॉली जमीन के नीचे धंस गई। दरअसल, जहां से ट्रॉली गुजर रही थी, वह हिस्सा पटियों से पटी हुई एक महल की छत थी। पटियां टूटते ही ट्रॉली अधर में लटक गई, जबकि नीचे जो निकला उसे देख सभी भौचक्के रह गए। जमीन के अंदर एक नक्काशियों से भरा महल था, जिसे देखने के लिए दिनभर हजारों की संख्या में लोग पहुंचते रहे। खबर मिलने के बाद पुरातत्व विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे, जिन्होंने धरोहर को अपने कब्जे में लेकर संग्रहण की कार्यवाही शुरू की।

नक्काशी किए हुए मेहराब देखने को मिले

पुरातत्व विभाग अधिकारियों के मुताबिक जमीन के नीचे जो महल निकला है, उसे 1905 में तत्कालीन राजा भीमसेन ने निर्माण कराया था। इसी किले के अंदर एक खूबसूरत कलाकृतियों से अंकित छोटे शहर का निर्माण कराया गया था। दीवारों और दरवाजों पर प्राचीन नक्काशी किए हुए मेहराब देखने को मिले।

दीवान-ए-खास भी बना हुआ

इतना ही नहीं महल के अंदर संगमरमर की नालियां पाई गई हैं। नालियों में पानी भी भरा मिला है। यहां बता दें कि नगर पालिका द्वारा 59 लाख रुपए की लागत से उक्त महल के ऊपर स्थित जमीन पर पार्क का निर्माण कराया जा रहा था। यदि ट्रॉली नहीं धंसती तो जमीन के नीचे का नजारा शायद कभी जगजाहिर नहीं हो पाता। जमीन के नीचे निकले महल के अदंर राजा के दौर की कचहरी और दीवान-ए-खास भी बना हुआ है।


महल के नीचे भी एक महल होने की संभावना

यहां बता दें कि जमीन के नीचे जो महल निकला है, उसके नीचे भी कुछ बना हुआ है, जिसे देखने के लिए पाट खोलकर अंदर जाने का रास्ता भी है। हालांकि अभी वह पाट हटाकर अंदर का नजारा देखा नहीं गया है। पुरातत्व विभाग के आला अधिकारियों की मानें तो उसके अंदर न सिर्फ तहखाना हो सकता है, बल्कि खास तरह का कारागार भी हो सकता है, वहीं जानकार लोग कहते हैं कि महल के नीचे जो खुलने योग्य पाट नजर आए हैं, उसके नीचे तत्कालीन राजा के खजाना रखने की जगह भी हो सकती है।

चबूतरे के रूप में वर्षों से उपयोग हो रही जमीन

यहां बता दें कि नपा कार्यालय परिसर की जिस जमीन के धंसने के बाद महल सामने आया है, वह जमीन कई वर्षों से चबूतरे के रूप में उपयोग की जा रही थी। असल में इसी वर्ष नपा ने उक्त जमीन को पार्क के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया था। परिसर में शिव मंदिर होने के कारण खूबसूरत पार्क बनाए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। जमीन के नीचे जो महल निकला है, उसमें कलाकृतियों का अनूठा संगम है।

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