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महानगरोंं से गांव पहुंचे लोग बन सकते हैं प्रशासन के लिए मुसीबत

locationभिंडPublished: Mar 24, 2020 11:35:37 pm

Submitted by:

rishi jaiswal

जिले के 350 से अधिक गांवों में बाहर से लोग पहुंचे हैं। इनमें से कई तो ऐसे हैं जो दीगर देशों से भी पहुंचे हैं।

महानगरोंं से गांव पहुंचे लोग बन सकते हैं प्रशासन के लिए मुसीबत

महानगरोंं से गांव पहुंचे लोग बन सकते हैं प्रशासन के लिए मुसीबत

भिण्ड. देश में लॉकडाउन होने के बाद बड़ी संख्या में लोग दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई से अपने-अपने गांव पहुंच गए हैं। इनमें से कई परिवार तो ऐसे हैं जिनकी जांच भी नहीं की गई है। चार दिनों में चार हजार से अधिक लोगों के गांव में पहुंचने का अनुमान है जबकि अभी तक स्क्रीनिंग सिर्फ 1190 लोगों की ही हो पाई है। बाहर से आए लोगों को होम आइसोलेट रहने के लिए कहा जा रहा है जबकि गांव में उक्त परिवारों के पास एक या दो कमरों का ही मकान है, परिवार के सदस्यों की संख्या 4 से 6 तक। संक्रमण से अनभिज्ञ लोग न सिर्फ अन्य ग्रामीणों से संपर्क कर रहे हैं बल्कि परिवार के अन्य सदस्यों के साथ गतिविधियों में भी शामिल हो रहे हैं। यदि इनमें से एक भी व्यक्ति संक्रमित निकला तो पूरे गंाव के सामने समस्या खड़ी हो सकती है।
जिले के 350 से अधिक गांवों में बाहर से लोग पहुंचे हैं। इनमें से कई तो ऐसे हैं जो दीगर देशों से भी पहुंचे हैं। बाहर से आने वाले लोगों की कोरोना संक्रमण की जांच करने के लिए शहर में ही लहार चुंगी, बस स्टेंड, अटेर रोड, इटावा रोड आदि सार्वजनिक स्थानोंं पर स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है। मंगलवार को इन केंद्रों पर 344 लोगो की स्क्रीनिंग की गई। प्रशासन ने पिछले दो दिनों से यात्री वाहनों को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया है। यहां तक कि टे्रनों के संचालन पर भी रोक लगी हुई है। इसके बाद भी लोग सब्जी, दूध और दवाओं की आपूर्ति करने वाले वाहनों पर सवार होकर आ रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने बदली रणनीति : अब किया जा रहा है रजिस्टर मेंटेंन
संभावित खतरे को भांपते हुए स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार से रणनीति बदल दी है। विभाग ने एक रजिस्टर मेंटेंन करना शुरू कर दिया है। इस रजिस्टर में स्क्रीनिंग कराने वाले लोगों के नाम- पते के साथ मोबाइल नंबर भी दर्ज किया जा रहा है। दो दिन बाद सभी को गु्रप में जांच के लिए बुलाया जाएगा। यदि किसी प्रकार के संक्रमण के लक्षण दिखाई दिए तो निगरानी में लिया जाएगा।
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