बता दें कि भिण्ड के भारौली रोड सरोजनी नगर वार्ड क्रमांक 11 निवासी 53 वर्षीय रतीराम राठौर पुत्र सावधान सिंह राठौर का शव खैरोली के बीहड़ में पड़ा पाया गया था। उसके सिर व चेहरे को पत्थर से कुचल दिया गया था। गले में अंगोछे का फंदा पड़ा हुआ था। पुलिस ने 24 घंटे में ही अंधे कत्ल का पर्दाफाश करते हुए आरोपी राममहेश कुशवाह पुत्र ओछेलाल कुशवाह एवं गंभीर सिंह बघेल पुत्र जवर सिंह बघेल निवासीगण खैरोली को दबोच लिया है।
परिजनों की निशानदेही पर पकड़ लिए आरोपी मृतक रतीराम राठौर ने घर से निकलने से पूर्व अपनी पत्नी के अलावा भाई हरिशंकर राठौर को बताया था कि वह खैरोली में राममहेश सिंह कुशवाह से अपने एक लाख रुपए लेने के लिए जा रहा है। दरअसल राममहेश ने रकम लौटाने के बहाने कॉल कर बुलाया था। ऐसे में पुलिस ने परिजनों से पूछताछ करने के उपरांत जब कॉल डिटेल खंगाला तो स्थिति चंद मिनट में साफ हो गई। राममहेश सिंह के पुलिस गिरफ्त में आते ही उसने कुबूल कर लिया कि उसने अपने ही गांव के जवर सिंह बघेल के साथ मिलकर हत्या की वारदात को अंजाम दिया था। राममहेश कुशवाह ने पुलिस को बताया कि रतीराम राठौर अपनी रकम वापस मांगते हुए उसे आए दिन बेइज्जत कर रहा था। ऐसे में वह मानसिक रूप से तनाव में जीने लगा था। इससे छुटकारा पाने के लिए उसने अपने गांव के अजीज दोस्त गंभीर सिंह बघेल का सहारा लिया। उसने बताया कि वह शरीर में दुबला है इसलिए अकेले वह हत्या नहीं कर पाएगा। राममहेश ने गंभीर सिंह को कुछ रकम देने का भी लालच दिया था। लिहाजा दोनों ने बीहड़ में पुरुषोत्तम के कुएं पर बैठकर एक साथ शराब पी और इसी दौरान रतीराम राठौर को रकम लौटाने के बहाने बुला लिया। जैसे ही रतीराम खैरोली के बीहड़ में पहुंचे तभी एक ने उसके गले में अंगोछे का फंदा डाल दिया जबकि दूसरे ने सिर पर पत्थर पटक दिया। जमीन पर गिरने के बाद रतीराम का चेहरा भी बिगाड़ दिया गया।
इन पुलिस कर्मियों ने निभाई भूमिका प्रभारी एसडीओपी अरविंद शाह, थाना प्रभारी सुरजीत सिंह तोमर के अलावा उप निरीक्षक शिवप्रताप सिंह राजावत, एएसआई लक्ष्मीनारायण यादव, प्रधान आरक्षक गिरीश, रामनिवास सिंह, आरक्षक मनोज कुशवाह, शिवशकर कुशवाह, अजीत कुमार, राजपाल आदि ने अहम किरदार निभाया। दोनों ही आरोपियों को १३ मई की दोपहर न्यायालय में पेश किया गया जहां से दोनों को जेल भेजा गया है।