scriptPolitics in the name of Hindutva does not satisfy aspirations | हिंदुत्व के नाम पर राजनीति से हम अपनी आकांक्षाओं को तृप्त नहीं कर सकते-प्रतीक साग | Patrika News

हिंदुत्व के नाम पर राजनीति से हम अपनी आकांक्षाओं को तृप्त नहीं कर सकते-प्रतीक साग

locationभिंडPublished: Jan 27, 2023 08:59:51 pm

Submitted by:

Ravindra Kushwah

जैन मुनि क्रांतिवीर प्रतीक सागर ने कहा है कि हिंदुत्व के नाम पर राजनीति करके हम अपनी आकांक्षाओं को तृप्त नहीं कर सकते। देश में इन दिनों बहस चल रही है कि भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित कर दिया जाए। भारत का संविधान सभी को अपनी धार्मिक स्वतंत्रता और पूजा-पद्धति अपनाने की स्वतंत्रता प्रदान करता है। इसे छीनने का प्रयास नहीं किया जा सकता।

तिरंगा यात्रा-भिण्ड
तिरंगा यात्रा के बाद देशभक्ति के कार्यक्रम प्रस्तुत करते बच्चे
भिण्ड. तिरंगा यात्रा निकालने के बाद खंडा रोड पर सभा को संबोधित करते हुए जैन मुनि ने कहा कि भारत को मां कहा जाता है, क्योंकि भारत सभी को निभाता है। हम पूरब की संस्कृति को जीते हैं जो परोपपाकर और दूसरों को देने की संस्कृति है। इसी संस्कृति और देश भक्ति का संदेश देने के लिए हमने तिरंगा यात्रा निकाली है। जैन मुनि ने कहा कि यह संविधान लागू होने वाला दिन है। इसे हम तिरंगा यात्रा के रूप में मना रहे हैं। तिरंगा हमारे देश की जान है, पहचान है और भारत की अस्मिता में सौहार्द शामिल है। सौहार्दपूर्ण तरीके से हम सभी धर्म और जाति के लोग हिलमिलकर रहते हैं। तिरंगा के तीन कलर शांति, प्यार और संपन्नता का संदेश देते हैं। शांति, सद्भाव ओर अमन का प्रतीक है, हमारा तिरंगा। भारत के लोग सदियों से हिलमिलकर रहे हैं।
चमत्कार और अंधविश्वास पर भी बोले जैन संत
जैन मुनि प्रतीक सागर ने कहा कि आजकल चमत्कार और अंधविश्वास पर देश भर में बहस छिड़ी हुई है। कोई बहुत बड़ा चमत्कार बता रहा है तो कोई अंधविश्वास बता रहा है। वास्तविकता यह है कि चमत्कार दिखाना नहीं पड़ता। चमत्कार बहस का नहीं श्रद्धा का विषय है। जिनके पास सामथ्र्य और शक्ति होती है, उन्हें दिखाना नहीं पड़ता। जिनकी मूर्ति में चमत्कार होता है उनके दर्शन मात्र से कल्याण होता है। भारत की भूमि में वह ताकत है जहां हर आत्मा परमात्मा मानी जाती है। इसके लिए हमें स्वयं को तराशने की जरूरत होती है।
भारत के मानचित्र पर अपना स्वाभिमान जिंदा रखिए
जैन मुनि ने कहा कि भारत के मानचित्र पर अपना स्वाभिमान जिंदा रखिए। किसी के कहने पर अपना धर्म मत बदलिए। एक बार महात्मा गांधी से किसी ने पूछा कि आप रामनाम की रट लगाते हो, तो क्या आप आदेश देंगे हिंदू धर्म स्वीकारने की। इस पर गांधी ने कहा कि धर्म बदलने की जरूरत नहीं। जिस धर्म को मानते हो उसी में आस्था गहरी करो।
किला गेट से निकाली तिरंगा यात्रा
जैन मुनि के सानिध्य में तिरंगा यात्रा किला गेट से शुरू हुई। हनुमान बजरिया, गोल मार्केट, सदर बाजार, परेड चौराहा होते हुए तिरंगा यात्रा खंडा रोड पहुंची। इस दौरान आपसी सौहार्द बढ़ाने वाली सांस्कृति और धार्मिक झांकियां भी निकाली गईं। खंडा रोड पर देश भक्ति पर आधारित मंचन किए गए। यात्रा में रविसेन जैन, संदीप मिश्रा, जिला पंचायत सदस्य धर्मेंद्र भदौरिया पिंकी, जयदीप राजावत फौजी, भगवानदास सेंथिया बाबा, मुकेश दीक्षित शामिल रहे।
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