नगर का सरकारी अस्पताल अव्यवस्थाओं का घर बन गया है। एक सप्ताह पहले ही अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया ने स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को यहां की व्यस्थाएं सही करने का निर्देश दिया। बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है। उसका परिणाम यह रहा कि तीन मई को अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही ने एक प्रसूता की जान ले ली। घमूरी गांव के निवासी रवि कटारे अपनी पत्नी निशु २४ साल को दो मई अस्पताल में दिखाने के लिए आए। वहां पर मौजूद स्टाफ ने घर जाने को कहा। वहीं जब तीन मई को लेकर अस्पताल पहुंचे तो वहां पर स्टाफ ने अव्यवस्थाओं के बीच लापरवाही करते हुए प्रसव करवा दिया। इस दौरान प्रसूता निशु की हालत अधिक बिगड़ गई। जब स्थिति अधिक खराब हो गई तो उन्होंने आनन-फानन में जिला अस्पताल के लिए रैफर कर दिया। जिला अस्पताल में भी डाक्टर ने ग्वालियर के रैफर कर दिया। ग्वालियर ले जाते समय रास्ते में प्रसूता निशु की मौत हेा गई।
एक दिन पहले ही मनाई थी शादी की पहली वर्षगांठ प्रसूता निशु ने एक दिन पहले ही दो मई को अपनी ससुराल में शादी की पहली वर्षगांठ मनाई। उसे नहीं मालूम था कि वह उसकी पहली और आखिरी वर्षगांठ होगी। तीन मई की रात को उसकी मौत हो गई। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही दिनों दिन बढ़ती जा रही है। अस्पताल प्रबंधन के कान पर जूं तक नहीं रेंग रहा है। कुछ दिन पहले ही अस्पताल में इलाज नहीं मिलने से दुर्घटना में पिता और पुत्र की मृत्यु हेा गई थी। उसके बाद भी अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हुआ।
– अस्पताल में महिला चिकित्सक की कमी है। उसके लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है। वहीं जिला स्तरीय अधिकारियों को भी इसके लिए निर्देश दिए हैं। ओपीएस भदौरिया, राज्यमंत्री नगरीय विकास एवं आवास
– कोरोना काल के कारण अधिकांश स्टाफ कोविड के काम में लगा है। स्टाफ की कमी है, जल्द ही इस परेशानी का समाधान कर दिया जाएगा।
– कोरोना काल के कारण अधिकांश स्टाफ कोविड के काम में लगा है। स्टाफ की कमी है, जल्द ही इस परेशानी का समाधान कर दिया जाएगा।
डॉ. अजीत मिश्रा, सीएमएचओ, जिला अस्पताल, भिंड।