scriptबंदूक से निकलने वाली गोली बताएगी चलाने वाले का नाम, वीडियो में जानिए कैसे ? | QR code on the gunshot will give the name of the shooter | Patrika News

बंदूक से निकलने वाली गोली बताएगी चलाने वाले का नाम, वीडियो में जानिए कैसे ?

locationभिंडPublished: Oct 16, 2020 04:31:31 pm

Submitted by:

Shailendra Sharma

गोली किसने चलाई है इस बात का सुराग अब खुद गोली ही पुलिस को देगी, देश में पहली बार भिंड जिला पुलिस ने ऐसी तरकीब निकाली है जिससे बंदूकों से होने वाले अपराधों पर भी काफी हद तक लगाम लग सकेगी…

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भिंड. बंदूक से निकली गोली खुद ही उसे चलाने वाले का नाम बताएगी जी हां ये बात सुनने जरुर थोड़ी अजीब लग रही हो लेकिन सच है। देश में पहली बार ऐसा प्रयोग मध्यप्रदेश के भिंड जिले की पुलिस कर रही है। भिंड जिले के एसपी मनोज कुमार सिंह ने बंदूक से बढ़ते अपराधों को देखते हुए एक ऐसी तरकीब निकाली है जिससे बुलेट्स खुद ही उसे चलाने वाले का सुराग बताएगी। भिंड एसपी ने एक अनूठा प्रस्ताव शासन को भेजा है और अपने स्तर पर भी काम शुरु करा दिया है।

बुलेट्स पर लगाए जा रहे क्यूआर कोड
भिंड जिले के एसपी मनोज कुमार सिंह ने बंदूक से होने वाले अपराधों पर लगाम कसने के लिए बुलेट्स पर क्यूआर कोड लगवाने की पहल की है। मेटल बुलेट्स पर इंफ्रारेड के जरिये तो अन्य बुलेट्स पर परमानेंट इंक से क्यूआर कोड लगवा रहे हैं इन क्यूआर कोड को मिटाया नहीं जा सकता है। एसपी मनोज सिंह के मुताबिक क्यूआरकोड स्कैन करते ही ये जानकारी मिल जाएगी कि बुलेट किस लाइसेंसधारी शस्त्र के लिए दिया गया था जिसके बाद अपराधी तक पहुंचने में काफी मदद मिलेगी। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि आने वाले समय में सभी लाइसेंसधारी शस्त्रधारियों को क्यूआरकोड वाले बुलेट्स ही दिए जाएंगे। बता दें कि वारदात के बाद पुलिस को घटनास्थल से कई बार बुलेट्स के खाली खोके मिलते हैं ऐसे में उन खोकों को भी स्कैन कर आसानी से अपराधी का सुराग पुलिस लगा पाएगी।

आखिर कैसे स्कैन होगी बुलेट्स वीडियो में देखिए-

 

https://youtu.be/wfeyuSffrDs

चंबल में बंदूक होती है ‘शान’
चंबल इलाके में बंदूकों से लोगों का खासा लगाव है यहां बंदूक रखना शान की बात मानी जाती है और अकेले भिंड जिले में ही 22407 लाइसेंसी हथियार है और इन हथियारों पर करीब 10 लाख बुलेट्स हैं। चंबल इलाके में आए दिन बंदूक से होने वाले अपराधों की घटनाएं होती रहती हैं। ऐसे में अगर एसपी मनोज सिंह का ये प्रयोग खासा कारगर साबित हो सकता है।

क्यूआर कोड लगवाना प्रारंभ
एसपी मनोज सिंह ने बताया कि वो इस आइडिया पर पिछले दो सालों से काम कर रहे हैं और कई साथी पुलिसकर्मियों से भी इसके बारे में सहायता ली है।बुलेट्स पर क्यूआरकोड लगवाने प्रस्ताव को सरकार को भेजा है और अपने स्तर पर कुछ बुलेट्स पर प्रयोग के तौर पर क्यूआरकोड लगवाने शुरु भी कर दिए हैं। फिलहाल मालनपुर औद्योगिक क्षेत्र में स्थित कंपनी से प्रयोग के तौर पर बुलेट्स पर क्यूआर कोड लगवाए गए हैं।

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