अधीक्षण अभियंता पीएचई परियोजना मण्डल चंबल संभाग मुरैना ने शाक्य को आरोप पत्र जारी किया है तथा इस घपले में शामिल विभाग के दोषी कर्मचारी अधिकारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के अधीनस्थ अधिकारियेां को निर्देश दिए हैं।
वर्ष २०१३ से २०१५ का मामला यह आर्थिक अनियमितता व फर्जीवाड़ा २३ सितम्बर २०१३ से ११ मई २०१५ के दरमियान, जब आरोपी कार्यपालन यंत्री टीआर शाक्य भिण्ड पीएचई के भिण्ड डिवीजन में तैनात थे, हुआ है। आरोप है कि शाक्य ने हैण्डपंपों के भरे पटे नलकूपों की सफाई कार्य हेतु विधिवत समाचार पत्रों में निविदा विज्ञप्ति प्रकाशित कराए बगैर संक्षिप्त निविदाओं के आधार पर ८ अनुबंध/कार्यादेश संपादित किए तथा कार्यों की माप पुस्तिका में अंकित कूट रचित माप व देयकों का कुल १७ लाख ८९ हजार ४० रुपए का अनियमित भुगतान करते हुए गम्भीर वित्तीय अनियमितता कर दी।
ऐसे दिया गया फर्जीवाड़े को अंजाम जानकारी के अनुसार, भिण्ड व अटेर विकास खण्डों में हैण्डपंपों के टूटे फूटे प्लेटफार्म के स्थान पर नए रेज्ड (ऊंचे) प्लेटफार्म निर्माण कार्य के लिए २७ जनवरी २०१४ व १० फरवरी २०१४ को कुल ५ संक्षिप्त निविदाएं बिना समाचार पत्रों में प्रकाशन कराए गुपचुप बुलाकर ठेकेदारों को वर्कऑर्डर दिए गए। माप पुस्तिका क्रमांक १०८३ में कूटरचित माप अंकित किया गया एवं उसके आधार पर ११ लाख १५ हजार १०४ रुपए का भुगतान किया गया। इसी तरह गोहद विकास खण्ड में भी हैण्डपंपों के भरे पटे नलकूपों की सफाई कार्य के लिए १० फरवरी २०१४ को बिना अखबार में प्रकाशित कराए तीन संक्षिप्त निविदाएं बुलाकर कूटरचित माप व देयकों के आधार पर ६ लाख ७३ हजार ९३६ रुपए का भुगतान किया गया। इस मामले की विभागीय जांच में पीएचई महकमे के धीरज तत्कालीन लेखापाल पीएचई भिण्ड, बीडी शाक्य तत्कालीन वरिष्ठ लेखा लिपिक अब सेवानिवृत्त, डीआर जर्मन तत्कालीनप सहायक यंत्री गोहद/भिण्ड, सुमित नाग वर्तमान सहायक यंत्री पीएचई गोहद, केएन शर्मा तत्कालीन उपयंत्री गोहद, एसबी पचोरी तत्कालीन उपयंत्री भिण्ड, जीएस भदौरिया उपयंत्री भिण्ड, आरपीएस सेंगर तत्कालीन उपयंत्री भिण्ड, रामलखन दोहरे सहायक ग्रेड दो वर्तमान में पीएचई डिवीजन मुरेना, राजेश शर्मा, राधेश्याम शर्मा एवं महेन्द्रसिंह आदि संबंधित कर्मचारियों को गवाह बनाया गया है।
मामले में वरिष्ठ कार्यालय के निर्देशानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। आरके सिंह, कार्यपालनयंत्री पीएचई डिवीजन भिण्ड