जानकारी के अनुसार लहार विकास खण्ड के मटियावली खदान में पनडुब्बी शुरू हो गई है जिसके द्वारा पांच से दस फीट गहरे पानी से रेत निकाला जा रहा है। बताना मुनासिब है कि पनडुब्बी से रेत निकाले जाने से नदी में गहरे-गहरे गड्ढे हो रहे हैं जिनमें फंसकर न केवल पशु आए दिन मर जाते हैं बल्कि आमजन के लिए भी जानलेवा साबित हो रहे हैं। बीते एक साल में इन गड्ढों में फंसकर दो लोगों की मौत हो चुकी है।
भारौली क्षेत्र में थ्रीडी मशीन से भरी जा रहीं ट्रॉलियां भारौली थाना अंतर्गत सिंध नदी में थ्रीडी के जरिए रेत निकाला जा रहा है। सूत्रों की मानें तो शाम ५ बजे से खनन शुरू कर दिया जाता है और रात भर चलने के उपरांत अल सुबह ५ बजे बंद कर दिया जाता है। थ्रीडी मशीनों को बीहड़ में ही आसपास छिपाकर रखा जाता है। ताकि दिन में यदि प्रशासनिक अमला छापामार कार्यवाही करता है तो वे आसानी से मशीनें व वाहनों को सुरक्षित ले जा सकें।
ऊमरी कनावर मार्ग होते हुए रपटे से होकर रात में गुजरते हैं रेत से भरे वाहन रेत से भरे ट्रक व डंपर ऊमरी कनावर मार्ग होकर क्वारी नदी पर पुल टूटने के बाद बनाए गए रपटे पर से निकाले जा रहे हैं। रपटे से रेत से भरे वाहन गुजरने की जानकारी तब सार्वजनिक हुई जब चार दिन पूर्व रपटे पर एक ट्रक रात के समय फंस गया और उसे सुबह होने के बाद दोपहर तक क्रेन के जरिए बाहर निकाला जा सका। हैरत की बात ये है कि पुलिस रात्रिकालीन गश्त पर होने के बावजूद अवैध रेत से भरे वाहन कैसे गुजर रहे हैं।
कथन- यदि सिंध नदी में पनडुब्बी या थ्रीडी से खनन किया जा रहा है तो पुलिस बल के साथ रात में छापामार कार्यवाही करेंगे। मौके पर पाए जाने वाली मशीनें व वाहनों को राजसात किए जाने की कार्यवाही प्रस्तावित की जाएगी।
संदेश पिपलौदिया, निरीक्षक खनिज विभाग भिण्ड