एक जेसीबी और एक पॉकलेन मशीन ने कस्बे में सुबह से ही भवनों को जमींदोज करना शुरू कर दिया था। रविवार को दुकानें ढहाई गईं थीं, जबकि सोमवार को आवासीय भवनों पर बुलडोजर चला। इस बीच पत्थरबाजी कर दिए जाने से प्रशासन को बल पूर्वक कार्यवाही करनी पड़ी। बताया गया है कि अतिक्रमण तोड़े जाने के दौरान भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया था जिसे रोकने के लिए सशस्त्र बल आगे बढ़ा और खदेड़ कर तितर बितर कर दिया। कुछ लोगों को पुलिस ने पकडक़र थाने भी पहुंचाया।
अतिक्रमण हटने से चौड़ी हुई कस्बे की सडक़ें: लहार एसडीएम ओएन सिंह के अलावा एसडीओपी उपेंद्र दीक्षित अतिक्रमण तोड़े जाने के दौरान कस्बे में मौजूद रहे। वहीं दो सैकड़ा से ’यादा पुलिस बल तैनात रहा। एसडीएम का कहना है कि विधि पूर्वक कार्यवाही की जा रही है। किसी भी व्यक्ति के खिलाफ द्वेषपूर्ण भावना नहीं रखी जा रही। जो जमीन मुक्त हुई है वह भी उन्हीं लोगों के उपयोगार्थ है। उस जमीन पर किसी अधिकारी का कुछ बनने वाला नहीं है। अतिक्रमण हटने से कस्बे की सडक़ें चौड़ी हो गई हैं।
5 के स्थान पर 8 फीट में कर रहे तोडफ़ोड़ स्थानीय नागरिकों ने बताया कि सीमांकन के दौरान पांच फीट अतिक्रमण होना बताया गया था लेकिन जेसीबी आठ-आठ फीट हिस्से को ध्वस्त कर रही है। इतना ही नहीं लोगों का आरोप है कि नोटिस भी नहीं दिए गए। कई अतिक्रामकों को सोमवार की सुबह ही नोटिस प्राप्त हुए। ऐसे में वह संभल भी नहीं पाए। लिहाजा उनका आर्थिक रूप से भारी नुकसान हो रहा है।
इधर तीसरे दिन मजदूरों से हुई तुड़ाई भिण्ड में बस स्टैण्ड के सामने गुडलक होटल पर सोमवार को भी मजदूरों के जरिए भवन पर तुड़ाई का कार्य किया गया। यहां बतादें कि मजदूरों के माध्यम से महामृत्युंजय महाविद्यालय का कुछ हिस्सा तथा धनवंतरी कॉम्लेक्स के बगल से बना कॉम्लेक्स मजदूरों से ही तुड़वाया जा रहा है। प्रशासन द्वारा उपरोक्त भवनों को डायनामाइट से तुड़वाने की कार्ययोजना बनाई थी जिसे मूर्त रूप नहीं दिया जा सका है।
&कुछ लोगों ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान उपद्रव करने का प्रयास किया था। जिसे तत्काल पुलिस की मदद से शांत कर दिया गया। ओमनारायण सिंह, एसडीएम लहार