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आवारा पशुओं ने उजाड़ दी फसल

locationभिंडPublished: Mar 12, 2020 11:39:14 pm

Submitted by:

Rajeev Goswami

गोशालाओं से भी नहीं मिल पा रहा लाभ

आवारा पशुओं ने उजाड़ दी फसल

आवारा पशुओं ने उजाड़ दी फसल

मालनपुर. इन दिनों जहां किसान पहले ही ओला वृष्टि के चलते काफी नुकसान उठा रहा है। वहीं आवारा गायों ने भी किसानों के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। मालनपुर के अधिकांश क्षेत्र में आवारा गायों ने सैकड़ों बीघा फसल को उजाड़ कर रख दिया है। वहीं आवारा गायों व अन्य पशुओं से फसलों के बचाव के लिए किए जा रहे सरकारी दावों की पोल भी खुलती नजर आ रही है।
गौरतलब है कि शासन द्वारा करोड़ों रूपए खर्च कर गौशालाओं का निर्माण कराया गया। लेकिन किसानों को इन गौशालाओं का कोई लाभ मिलता नजर नहीं आ रहा है। दूर दराज से ग्रामीण क्षेत्रों के लोग गाडिय़ां भरकर आवारा गायों को मालनपुर क्षेत्र में छोड़ जाते हैं। जिससे कस्बे में आवारा गयों की संख्या काफी मात्रा में बढ़ गई है। आवारा पशु कस्बे के आसपास के गांवों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। पूर्व शिक्षक रामकुमार नायक ने बताया कि अकेले लहचूरा गांव में ही करीब &5 बीघा फसल आवारा पशुओं ने उजाड़ दी। वहीं मुन्ना लाल मुदगल ने कहा कि उनकी चार बीघा गेहूं की फसल को आवारा गायें पूरी तरह साप कर गई है। लक्ष्मन बघेल का कहना है कि तीन बीघा सरसों के खेत में एक भी सरसों का पेड़ देखने को नहीं मिलेगा। इसी तरह आसपास के गांव लहचूरा का पुरा, माहों, गुरीखा, इकहारा, टुडीला जैसे अन्य कई गांवों को मिला लिया जाए तो सैकडो बीघा फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी है। शासन ने करोड़ों रुपए खर्च करके जिले में कई जगह गौशाला बनाई है। लेकिन मालनपुर क्षेत्र के लोगों को इसका कोई भी लाभ नहीं मिल पा रहा है।
लहचूरा के पूर्व सरपंत इन्द्र सिंह पटेल का कहना है कि कई बार गांव के लोगों ने यहां से गायों को किसी वाहन में भरकर बाहर छुड़वाने का विचार किया। लेकिन कोई वाहन वाला भाड़े पर भी गायों को बाहर छोडऩे के लिए ले जाने को तैयार नहीं होते हैं जिसके कारण कई परिवार की फसल पूरी तरह उजड़ गई है
लोगों की बढ़ रही है आर्थिक परेशानी-

आवारा पशुओं द्वारा फसल चौपट होने के डर से किसानों को रात-रात भर खेतों की देखभाल करनी पड़ती है। अगर थोड़े समय के लिए भी इधर-उधर या कहीं चले गए तो पता भी नहीं चलता कि कब मवेशियों का झुंड फसल पर इस तरह टूटता है कि पूरा का पूरा खेत आधा एक घेटे के अंदर ही साफ कर दिया जाता है। किसानों द्वारा खेती में काफी लागत लगाने के बाद जब फसल चौपट हो रही है। तो ऐसी स्थिति में किसानों को आर्थिक तंगी गुजरना पड़ रहा हैे।
कथन-

आवारा गायों को पकडक़र गौशाला पहुंचाने का पर्याप्त इंतजाम किया जाएगा। किसानों की फसल को नुकसानी नहीं होने देंगे

कालीचरन जाटव, सरपंच लहचूरा

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