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भिंड

सिंध नदी को खोखला कर रहीं पनडुब्बियां

लहार क्षेत्र के अजनार, पर्रायंच, मड़ोरी, धौर नंबर 01, धौर नंबर 02 स्वीकृत खदानों पर हो रहा नियम
विरुद्ध खनन, बिरौना, लगदुआ, मटियावली खदान स्वीकृत नहीं फिर भी निकल रहा रेत

भिंडJan 12, 2020 / 11:23 pm

Rajeev Goswami

सिंध नदी को खोखला कर रहीं पनडुब्बियां

सिंध नदी को खोखला कर रहीं पनडुब्बियां

लहार. भले ही सरकार माफिया के खिलाफ अभियान चला रही है लेकिन भिण्ड जिले में सहकारिता एवं सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोङ्क्षवद सिंह के गृह क्षेत्र में दिन रात सिंध नदी को पनडुब्बियों से खोखला किया जा रहा है। लहार क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन के ताजा वीडियो पत्रिका के पास मौजूद हैं जो यह स्पष्ट कर रहे हैं कि पनडुब्बियों के जरिए सिंध से अवैध खनन जारी है।
जिले भर में फिलहाल 36 खदानों में से रेत की 19 खदानों पर खनन की स्वीकृति दी गई है। लेकिन चिंतनीय विषय ये है कि सिंध नदी से किसी मशीन से पनुडब्बी से नहीं बल्कि लेवर के माध्यम से रेत वाहनों में भरवाया जाए। उल्लेखनीय है कि लहार क्षेत्र में स्वीकृत अजनार, पर्रायंच, मड़ोरी, धौर नंबर-01, धौर नंबर-02 पर दिन रात पनडुब्बियां चल रहीं हैं। वहीं लहार क्षेत्र की ही बिरौना, लगदुआ एवं मटियावली खदान पर खनन की स्वीकृति नहीं है बावजूद इसके इन खदानों से भी दिन रात रेत निकाला जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि एक दिन में पनडुब्बी औसतन 45 से 50 ट्रक रेत खनन कर लेती है। रेत की बाजारी कीमत 22 से 25 लाख है। ऐसे में यदि प्रशासन द्वारा पनडुब्बी को नष्ट कर दिया जाता है तो माफिया अगले ही दिन दूसरी पनडुब्बी तैयार कर नदी में उतार देता है। प्लास्टिक का लेजमनुमा 35 से 40 फीट लंबा पाइप और जनरेटर का इंजन के अलावा नाव जिस पर उसे कस दिया जाता है। इस पूरे मेटेरियल पर 25 से 30 हजार रुपए का खर्च होता है। लिहाजा प्रशासन डाल-डाल और माफिया पात-पात हो रहा है।
रविवार को दो स्थानों पर जलाईं पनडुब्बियां

रविवार दोपहर खनिज विभाग के अमले ने पुलिस बल के साथ रौन क्षेत्र के इंदुरखी के पास मानगढ़ एवं कछार घाट पर सिंध नदी में चल रहीं दो पनडुब्बियों को आग के हवाले कर दिया। हर बार की तरह इस बार भी टीम को मौके पर एक भी माफिया नहीं मिल पाया।
छापामार कार्यवाही में एक बार भी नहीं मिले माफिया

हैरत कर देने वाली बात ये है कि पिछले एक साल में खनिज विभाग द्वारा पुलिस बल के साथ करीब तीन दर्जन छापामार कार्यवाहियां की गई हैं लेकिन इन कार्यवाहियों में टीम को माफिया मौके पर एक बार भी नहीं मिले। इतना ही नहीं मौके से साजोसामान तक गायब हो जाता है। ऐसा कौन सा यंत्र लगाकर रखते हैं माफिया कि टीम के आने से पहले वह अपना बोरिया बिस्तर समेटने में कामयाब हो जाते हैं। खनन से जुड़े विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो विभागीय अधिकारियों तथा कर्मचारियों द्वारा ही छापामार कार्यवाही की सूचना पहले से दे दी जाती है। यही वजह है कि माफिया सीधे तौर पर पकड़ में नहीं आते।
-स्वीकृत खदानों पर यदि पनडुब्बियों का उपयोग रेत खनन के लिए किया जा रहा है तो उन पर कार्यवाही की जाएगी। वैसे आज हमने मानगढ़ और कछार में दो पनडुब्बियां नष्ट कीं हैं।

आरपी भदकारिया जिला खनिज अधिकारी
&पनडुब्बियां सिंध नदी में चलने की जानकारी आपके पास है तो बेशक छापिए। हमारी जानकारी में जहां डंप हैं वहीं से रेत ले जाया जा रहा है। अवैध रेत परिवहन पर भी हम लगातार कार्यवाही कर रहे हैं।
दिलीप सिंह यादव, थाना प्रभारी लहार
&मुझे ऐसी सूचना नहीं थी। यदि ऐसा है तो खदानों पर छापामार कार्यवाही की जाएगी। मौके पर मिलने वाली पनडुब्बियों को नष्ट करेंगे तथा संबंधित माफिया के खिलाफ अपराधिक केस दर्ज किया जाएगा।
उपेंद्र दीक्षित, एसडीओपी , लहार

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