scriptखाद की ऐसी किल्लत, किसान परिवार को भी ला रहा है साथ | Such a problem of manure is also bringing the farmer family together | Patrika News

खाद की ऐसी किल्लत, किसान परिवार को भी ला रहा है साथ

locationभिंडPublished: Jan 02, 2018 04:17:50 pm

Submitted by:

shyamendra parihar

भिण्ड. जबरदस्त सर्दी के दिनों में किसानों को रासायनिक खाद की किल्लत जूझना पड़ रहा है। किसानों को लंबी-लंबी कतारों में लगने को मजबूर होना पड़ रहा है।

problem, bringing, farmer, family, bhind news, bhind news in hindi, mp news
भिण्ड. जबरदस्त सर्दी के दिनों में किसानों को रासायनिक खाद की किल्लत जूझना पड़ रहा है। किसानों को लंबी-लंबी कतारों में लगने को मजबूर होना पड़ रहा है। सोमवार को अत्यधिक सर्द मौसम होने से कम संख्या में किसान खाद लेने के लिए आ सके। किसानों की सबसे बड़ी समस्या लंबी कतार में लगने के बाद खाद की दो- दो बोरी प्राप्त होना है। इस प्रकार के हालात में किसान अपने परिवारजन को भी साथ लेकर आ रहे हैं जिससे इन्हें भी कतार में लगाकर जरूरत के मुताबिक खाद की बोरियां प्राप्त कर सकें।
जिले में 3,15,250 हैक्टेयर रकबे में विभिन्न फसलों की बोनी की गई है। गनीमत यह है कि 1,67, 870 हैक्टेयर में सरसों तथा 1,01,780 हैक्टेयर में गेहूं की बोनी की गई है।

खाद की सर्वाधिक जरूरत गेहंू की फसल को होती है अगर गेहंू का रकबा और अधिक होता तो खाद के लिए विकट स्थिति बनती। तब किसानों को दो-दो नहीं एक-एक बोरी के मान से यूरिया वितरण की व्यवस्था कराई जाती। सरसों से कम रकबे में गेहंू व अन्य फसलों को बोया गया है इस कारण कतारों में लगकर ही सही किसानों को धीरे-धीरे खाद मिलने की स्थित बनी हुई है।
जानकारी मुताबिक मार्कफैड की मांग के अनुसार 31,000 मैट्रिक टन यूरिया की मांग की गई है जबकि 22,809 मैट्रिक टन की आपूर्ति हुई है। इसमें 22,370 मैट्रिक टन खाद का वितरण किया जा चुका है जबकि 778 मैट्रिक टन उपलब्ध है। जिला मुख्यालय पर सर्वाधिक खाद की उपलब्धता जिला सहकारी संघ के बिक्री केंद्र पर है इसके बाद विपणन सहकारी संस्था बिक्री केंद्र पर किसानों को खाद उपलब्ध कराया जा रहा है। इफको और एमपी एग्रो के खाद विक्रय केंद्रों पर कई बार माल खत्म होने की स्थिति बन चुकी है। सोमवार को मुरैना से खाद की गाड़ी आई है।
रैक की व्यवस्था न होने तक सामान्य नहीं होंग हालात

हर साल खाद की किल्लत तब तक बनी रहेगी जब तक जिले में रैक पाइंट नहीं बन जाता है। क्योंकि दतिया, मुरैना, ग्वालियर से जिले में खाद तब प्राप्त होता है जब वहां की मांग की पूर्ति हो जाती है। इस प्रकार के हालात साल दर साल बनते आ रहे हंै इसके बाद भी रैक पाइंट की व्यवस्था नहीं कराई गई है। जिले के जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों को रैक पाइंट बनाए जाने के लिए सतत प्रयास करना चाहिए।
राजीव दीक्षित, जिलाध्यक्ष, किसान सभा, भिण्ड

जिले में हर जगह उपलब्ध है खाद

किसानों को जरूरत के अनुसार रासायनिक खाद मिलता रहे इसके लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि पिछले दिनों में कुछ केंद्रों पर खाद का कोटा खत्म होने के हालात बने हैं लेकिन खाद की आपूर्ति निरंतर हो रही है इससे एक- दो दिन में हालात सामान्य हो रहे हैं। जिला मुख्यालय सहित जिले में अन्य स्थानों पर खाद उपलब्ध है। किसानों को नियमित रूप से खाद उपलब्ध कराया जा रहा है। आज भी खाद की आपूर्ति हुई है। इससे खाद का संकट उपजने जैसी स्थिति नहीं बनेगी।
एसपी शर्मा, उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास

ट्रेंडिंग वीडियो