कलेक्टर करीब 11.10 बजे कलेक्टे्रट से दो सौ मीटर की दूरी पर स्थित शासकीय माध्यमिक विद्यालय पहुंचे। उन्होंने उपस्थिति की जानकारी ली तो पता चला कि प्राइमरी में 180 छात्र दर्ज हैं लेकिन मौके पर 15 छात्र ही मिले। इसी प्रकार माध्यमिक में 119 में से सिर्फ 28 छात्र उपस्थित थे। दोनों विद्यालयों में 12 शिक्षक है। इनमें से सहायक शिक्षक सायराबानो और सहायक अध्यापक सुनीता शर्मा के उपस्थित रजिस्टर पर हस्ताक्षर तो थे लेकिन नदारद थी। कलेक्टर ने रजिस्टर पर टीप में लिखा क्या हस्ताक्षर पहले से ही हैं। दोनों का एक-एक दिन का वेतन राजसात करने के निर्देश दिए। प्रधानाध्यापक मिडिल भोलासिंह तथा प्राइमरी देेवेंद्र सिंह की जमकर क्लास ली। दोनों को व्यवस्थाओं में सुधार लाने के लिए ७ दिन का अल्टीमेटम दिया है। यदि इसके बाद भी सुधार नहीं आया तो निलंबन की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद सभी शिक्षकों की कलेक्टर के सामने पेशी होगी, संतोषजनक जवाब ने आने पर कार्यवाही की जाएगी। स्थानीय लोगों ने कलेक्टर को बताया कि परिसर में स्थित पंप चालक नशे का आदी है, शाम ५ बजे के बाद ही पूरा परिसर स्मेकियों का अड्डा बन जाता है। कलेक्टर ने तत्काल बीआरसी को निर्देश दिए कि थाना प्रभारी को लिखित में शिकायत की जाए तथा पंप चालक को हटाने के लिए सीएमओ नपा को निर्देशित किया है।
मॉडल बनेगा बुनियादी स्कूल, दिए निर्देश बुनियादी स्कूल का बढ़ा मैदान देखकर कलेक्टर ने तत्काल डीपीसी तथा इंजीनियर्स को तलब किया तथा स्कूल को मॉडल बनाने की रूपरेखा तैयार की। फिलहाल दो अतिरिक्त कक्षों को एक डायनिंग रूम के रूप में तब्दील किया जाएगा। रूम में एक डायनिंग टेबिल भी रखी जाएगी। संभवता २६ जनवरी को यहीं पर भोज का आयोजन भी किया जाएगा। यह विद्यालय करीब ७० साल पुराना है।इसके इसका परिसर भी सबसे बड़ा है।
स्कूल परिसर में डे्रनेज डालने वालों पर सख्ती कलेक्टर जिस समय निरीक्षण को पहुंचे तो स्कूल की पश्चिम दिशा में पानी भरा हुआ था। पता चला कि आसपास के घरों का ड्रेनेज परिसर में ही डाला जा रहा है जिससे पूरा परिसर साल भर तालाब में तब्दील रहता है। बरसात के समय तो बच्चों का कक्षाओं तक पहुंचना ही मुश्किल हो जाता है। कलेक्टर ने तत्काल डे्रनेज डालने वालों के खिलाफ नोटिस जारी करने तथा सिविल जेल अथवा जुर्माने की कार्रवाई करने के निर्देश एसडीएम को दिए।