सरकारी १.६२ हेक्टेयर जमीन पर काबिज माफिया को बेदखल नहीं कर पा रहा प्रशासन
The Tehsildar showed the collector's order, the land mafia's crop was growing on the ground
भिंड
Published: February 17, 2022 02:29:48 pm
सरकारी १.६२ हेक्टेयर जमीन पर काबिज माफिया को बेदखल नहीं कर पा रहा प्रशासन
भिण्ड. प्रदेश सरकार भले ही प्रदेश में भू-माफिया के खिलाफ अभियान चलाकर उन्हें बेजा कब्जों पर से बेदखल करने की कार्यवाही कराने का दावा कर रही है। लेकिन भिण्ड में सरकारी भूमि पर दबंग सालों से फसल उगाते आ रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि कलेक्टर द्वारा इस संबंध में कार्यवाही किए जाने के आदेश उपरांत भी संबंधित तहसीलदार उस पर अमल करने में वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह कर ठेंगा दिखा रहे हैं या भू-माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने का साहस नहीं दिखा पा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि जिले के गोरमी तहसील अंतर्गत ग्राम अकलौनी मौजे में सरकारी सर्वें क्रमांक २४७९ रकवा १.६२ हेक्टेयर पर भू-माफिया रामौतार सिंह पुत्र नाथू सिंह एवं किशन सिंह पुत्र महाराज सिंह निवासीगण हीरपुरा २० साल से भी अधिक समय से बेजा रूप से काबिज होकर फसल उगाते आ रहे हैं। बतादें कि उक्त सरकारी जमीन पर हो रही फसल से न्यूनतम करीब एक लाख रुपए सालाना आय अर्जित कर रहे हैं।
बॉक्स- कार्रवाई का कागजी आदेश दिखाकर कलेक्टर को गुमराह करते आ रहे तहसीलदार
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस की ओर से उक्त सरकारी भूमि से बेजा कब्जेदारों को माफियाओं के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत हटाए जाने का आदेश दिया जा चुका है। लेकिन उक्त आदेश पर कलेक्टर को गुमराह करने के लिए गोरमी के प्रभारी तहसीलदार शिवदत्त कटारे द्वारा २६ फरवरी २०२१ में भू-माफिया को बेदखल किए जाने के लिए आदेश जारी कर महज कलेक्टर को दिखा दिया गया। जबकि उस पर जमीनी स्तर पर किसी प्रकार का अमल नहीं कराया गया। आदेश के एक साल बीत जाने के बावजूद भू-माफियाओं को सरकारी जमीन से हटाया नहीं जा सका है। यही वजह है कि माफिया पिछले दो दशक से जमीन पर काबिज होकर बेरोकटोक फसल उगाता आ रहा है।
बॉक्स- जिले भर में करीब १००० हेक्टेयर सरकारी जमीन पर काबिज हैं ७०० से अधिक माफिया
उल्लेखनीय है कि जिले के भिण्ड विकास खण्ड अंतर्गत अकोड़ा में १९० हेक्टेयर जमीन पर बेजा रूप से माफिया का कब्जा कई सालों से है। वहीं गोहद विकास खण्ड के मौ क्षेत्र में २३० हेक्टेयर भूमि पर माफिया कब्जा जमाए हुए हैं। जबकि अटेर में २५०, लहार में १५० एवं मेहगांव में लगभग २०० हेक्टेयर सरकारी भूमि पर किसी ने पक्के निर्माण करा लिए हैं तो कोई कृषि कार्य कर उसमें फसल उगा रहा है।
बॉक्स- भ्भू-माफिया के कब्जे से मुक्त हो जमीन तो खत्म हो आवारा गोवंश के लिए चारे का समस्या
विदित हो कि सरकारी गोचर भूमि पर काबिज भू-माफिया को यदि बेदखल कर दिया जाए तो जिले भर में करीब ५००० से ज्यादा की संख्या में घूम रहे आवारा गोवंश को पेट भर चारा मिलना शुरू हो सकेगा। ऐसा नहीं हो पाने के कारण आवारा गोवंश किसानों की फसल उजाड़ रहे हैं। सरकारी जमीन पर बेजा कब्जे की लगातार की जा रही प्रशासनिक अनदेखी का खामियाजा किसानों को फसल बर्बाद होने के रूप में चुकाना पड़ रहा है।
कथन-
आपके बताने पर यह मामला हमारे संज्ञान आया है। इस विषय में संबंधित अधिकारियों से जानकारी लेकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
प्रवीण फुल पगारे, एडीएम भिण्ड

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