भिंड

फर्जी एफडीआर लगाकर लिया ठेका, राशि राजसात की कार्रवाई में हुआ खुलासा

नपा में 17.71 लाख रुपए की एफडीआर निकली फर्जी

भिंडNov 24, 2022 / 05:13 pm

Vikash Tripathi

फर्जी एफडीआर लगाकर लिया ठेका, राशि राजसात की कार्रवाई में हुआ खुलासा

भिण्ड. नगर पालिका में टेंडर के दौरान फर्जी एफडीआर जमा करने का मामला सामने आया है। यह खुलासा तब हुआ जब कंपनी ने निर्माण कार्य समय पर नहीं किया तो नपा ने बैंक को एफडीआर जब्त करने के लिए पत्र लिखा। लेकिन जांच में पता चला कि पांच में से 4 एफडीआर बोगस दस्तावेज प्रस्तुत कर कूटरचित तैयार की हैं। नपा ने ठेकेदार पर एफआईआर दर्ज तैयारी कर ली है वहीं दूसरी ओर नपा में जमा अन्य निर्माण एजेंसियों की एफडीआर की भी जांच की जाएगी।
कम रेट पर लिया था कंपनी ने टेंडर
तिरुपति एसोसिएट के प्रोपराइटर अजीत ङ्क्षसह भदौरिया ने वार्ड 31 में सामुदायिक भवन, टॉयलेट और हैंडपप खनन का ठेका 7 जून 2021 को 25.78 प्रतिशत कम रेट में लिया था। ठेकेदार ने छह माह की अवधि में कार्य पूरा नहीं किया। मामले में संज्ञान लेते हुए नगर पालिका सीएमओ वीरेंद्र तिवारी ने तिरुपति एसोसिएट का कार्यादेश निरस्त कर धरोहर राशि राजसात करने का आदेश दिया। उन्होंने नागरिक सहकारी बैंक में जमा धरोहर राशि को जब्त करने के लिए 17 नवंबर को पत्र भेजा गया। बैंक को नपा ने 5 एफडीआर भेजी थीं, जिसकी जांच की तो महज 95 हजार रुपए की एक एफडीआर सही पाई गई, जबकि अन्य चार फर्जी मिलीं।
यह एफडीआर मिली फर्जी तिरुपति एसोसिएट ने 28 जून 2019 को 95 हजार रुपए की एफडीआर तैयार कर नपा के निर्माण शाखा में प्रस्तुत की थी। सत्यापन में यह एफडीआर सही मिली है। जबकि 17 जनवरी 2020 में 11 लाख 5 हजार, इसी दिन 4 लाख, 19 मार्च 2021 को 65 हजार और 19 मार्च 2021 को ही 2 लाख 1 हजार रुपए की एफडीआर कूटरचित तैयार करके टेंडर से कम रेट में ठेका लिया था।
संबंधित अधिकारी के खिलाफ होगी जांच
फर्जी मामला पकड़े जाने पर सीएमओ वीरेंद्र तिवारी का कहना है कि जब यह धरोहर राशि के दस्तावेज देकर तिरुपति एसोसिएट ने ठेका लिया था, उस समय अधिकारी दूसरे थे। निर्माण शाखा के प्रभारी पंकज कटारे से जब इस संबंध में बात की तो उन्होंने बताया कि पूर्व में जिन अधिकारियों के समय यह एफडीआर जारी हुई हैं, उनके खिलाफ जांच की जाएगी। नगर पालिका में इस तरह के घोटाले पहले भी उजागर हुए हैं, लेकिन राजनैतिक संरक्षण के कारण कार्रवाई अंजाम तक नहीं पहुंची।
नगर पालिका द्वारा जारी किए गए टेंडरों में निर्माण एजेंसी ने कम रेट में आवेदन प्रस्तुत किया था। नियमानुसार किसी निर्माण कार्य में 10 प्रतिशत कम रेट में निर्माण एजेंसी ठेका लेती है तो अच्छी गुणवत्ता के साथ काम करने के लिए बतौर सिक्योरिटी राशि शासन के खाते में जमा करना होता है। इसे बैंक गारंटी भी कहते हैं। इसलिए नगर पालिका द्वारा एफडीआर जमा करवाई जाती है।कम रेट में काम लेकर तिरुपति एसोसिएट ने एफडीआर का वैसा ही बोगस कापी ङ्क्षप्रट करवाया। इस तरह से ठेकेदार ने गारंटी देकर प्रशासन को नुकसान पहुंचाया।

Home / Bhind / फर्जी एफडीआर लगाकर लिया ठेका, राशि राजसात की कार्रवाई में हुआ खुलासा

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.