रछेड़ी रोड से गांव तक तकरीबन २ किलोमीटर पगडंडियों, बीहड़ व भरकों वाले ऊंचे नीचे कच्चे रास्ते में दुपहिया चार पहिया वाहन नहीं पहुंच पाते। बारिश में सारे कच्चे रास्ते जलभराव व कीचड़ के कारण बंद हो जाते हैं, जिससे गांव का आसपास के गांव कस्बों से संपर्क कट जाता है। प्रसूताओं और गंभीर बीमार बुजुर्गों को ग्रामीण चारपाइयों पर लादकर मुश्किलों के साथ जिला अस्पताल तक लाते हैं। गांव की तीन पीढिय़ों ने अब तक बिजली के भी दर्शन नहीं किए हैं।
जिला मुख्यालय से सटे, लगभग २०० की आबादी तथा ५० से ज्यादा झोंपड़ीनुमा कच्चे पक्के मकानों वाले इस छोटे से गांव में अब तक बिजली भी नहीं पहुंची है। गांव की तीन पीढिय़ोंं ने बिजली के दर्शन ही नहीं किए हैं। गांव में अधिकांशत: कुशवाह पिछड़ा वर्ग समुदाय के लोगों के निवास हैं, जो खेती किसानी करके आजीविका चलाते हैं। गांव के बेरेाजगार युवा शहर में ऑटो टैक्सियां चलाते हैं, पर उन्हें अपने वाहन रास्ता न होने से गांव से काफी दूर खेतों में ही पार्क करने पड़ते हैं और चोरी के भय से रात भर में टैक्सियों में सोकर उनकी रखवाली करनी पड़ती है। ग्रामीण २ किमी का पहुंच मार्ग बनवाने के लिए पिछले कई दशकों से शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से लगातार मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई भी उनकी तकलीफ महसूस करने और उसे हल करने को तैयार नहीं है। बुधवार को पत्रिका टीम गांव में पहुंची तो ग्रामीणों का दर्द फूट पड़ा ।
सरकार कहती है हर गांव मेंं पक्की सड़क और बिजली पहुंचा रहे हैं, पर हमारा गांव आजादी के ७० साल बाद भी इनसे वंचित है। रामचरणसिंह, 72 साल थोक का पुरा गांवों के विकास की सरकार की बातें झूठी हैं। हमारा गांव इसका उदाहरण है। यहां नेता मतदान के दौरान ही आते हैं।
छोटेसिंह कुशवाह, 81 साल, थोक का पुरा तक पक्की सड़क न होने से, प्रसुताओं को बरसात में चारपाई पर लिटाकर ले जाना पड़ता है। गम्भीर हालत में कई बार प्रसूताओं की रास्ते में ही मौत हो चुकी हैं।
राजो देवी कुशवाह, 85 साल थोक का पुरा तीन पीढिय़ों से गांव को ऐसा ही देख रहे हैं। सड़क के लिए हमारे पिता लड़ते लड़तेचल बसे, अब हम लड़ रहे हैं। आपे सिंह कुशवाह, 80 साल थोक का पुरा,
&कल ही मैं थोक का पुरा गांव का निरीक्षण करूंगी। गांव के लिए पक्के पहुंच मार्ग का निर्माण प्राथमिकता से कराया जाएगा। गांव के विद्युतीकरण के लिए भी विद्युत कंपनी के अधिकारियों केा लिखेंगे।
उर्मिला देवी, अध्यक्ष जनपद पंचायत भिण्ड