शहर से 10 किमी दूर जामना गंाव के लोगों ने बताया वे कई बार भिण्ड सेनेटाइजर लेेने के लिए गए तो मेडिकल स्टोर्स संचालक कमी बताकर लौटा देते हैं। कुछ मेडिकल स्टोर बेचने को तैयार भी होते हैं तो रेट इतने ज्यादा हैं कि ग्रामीण खरीदने की हिम्मत नहीं जुटा पाते।
समस्या का समाधान करने के इरादे से कुछ युवाओं ने गूगल का सहारा लिया और नीम औषधि गुणों को सर्च करने पर पता चला कि नीम में वायरस और बैक्टेरिया को मारने के गुण हैं।
इसके बाद युवाओं ने घर पर ही हर्बल सेनेटाइजर तैयार करने का निर्णय लिया। हालांकि विशेषज्ञ इस घोल को साइंटीफिक वायरस किलर नहीं मान रहे, लेकिन इसके बाद भी ग्रामीणों को भरोसा है कि ये घोल उन्हें कोरोना से बचाएगा।
ग्रामीणों के पास सेनेटाजर, मास्क खरीदने के लिए पैसे नहीं है। गंाव के कुछ युवकों ने गूगल पर सर्च कर आयुर्वेदिक नुस्के से ये घोल तैयार किया है। ये उसका उपयोग भी कर रहे हैं।
ग्रामीणों का तर्क है पहले चेचक निकलती थी तो लोग नीम लेकर चलते थे। इसी प्रकार ये क ोरोना पर भी काम करेगा।
कल्लूसिंह भदौरिया, जामपुरा, सरपंच नीम का घोल कोरोना वायरस पर कितना असरकारक है इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। ग्रामीणों को चाहिए कि इस प्रकार के प्रयोगों से दूर रहे और घर के भीतर रहकर बचाव करें।
-डॉ. डीके शर्मा, बीएमओ, फूप