करीब दो हजार की आबादी वाले गांव अजीता में १२ हैंडपंप हैं जिनमें ०३ खारा पानी दे रहे हैं जबकि ०९ हैंडपंप पूरी तरह से खराब हैं। पेयजल के लिए ग्रामीणजन सिंध नदी से पानी का परिवहन कर रहे हैं। समस्या का निराकरण कराए जाने के लिए लोगों ने तहसील मुख्यालय के अलावा जिला प्रशासन को भी शिकायत की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल पाया है।
बुनियादी सुविधाओं से दूर है ग्राम खैरौली अमायन कस्बे से १३ किमी दूर बीहड़ में बसे ग्रामी खैरौली की आबादी दो हजार से अधिक है। गांव में सड़क, बिजली, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के लिए कोई सुविधा नहीं हैं। गांव में न तो एएनएम व अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ता पहुंच रहे हैं और ना ही गांव के लिए पक्का पहुंच मार्ग है। गांव के बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए दूसरे गांव में संचालित विद्यालयों में जाना पड़ रहा है।
ट्रैक्टर-ट्रॉली, बाइक व साइकिल से हो रहा पानी का परिवहन अजीता के ग्रामीणजन सुबह उठकर काम धंधे पर जाने के बजाए नदी की ओर कूच कर रहे हैं। कोई ट्रैक्टर ट्रॉली में पानी के ड्रम भरकर ला रहा है तो कोई साइकिल या मोटरसाइकिल के जरिए पानी का परिवहन कर रहा है।
बिजली पानी तक नहीं मयस्सर गांव में अभी तक बिजली सुविधा नहीं है। स्थिति ये है कि लोग शाम होने के बाद घरों में दीपक जलाकर रोशनी कर रहे हैं। गांव में हाईस्कूल के लिए भवन बना दिया गया है लेकिन विद्यालय का शुभारंभ अभी तक नहीं हुआ है। इधर गांव में बिजली नहीं होने के कारण कोई भी यंत्र उपयोग में नहीं ले पा रहे हैं ग्रामीण।
वर्जन गांव की समस्या के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया है। कार्ययोजना भी बनाई गई है शीघ्र समस्याओं का निराकरण किया जाएगा। चोखेलाल बघेल, सरपंच खैरोली