script20 दिन पूर्व छोडऩा था 3900 क्यूसेक पानी, अभी तक नहीं आई नहरों में पानी की बूंद | There was 3900 cusecs of water left 20 days ago, drops of water in can | Patrika News

20 दिन पूर्व छोडऩा था 3900 क्यूसेक पानी, अभी तक नहीं आई नहरों में पानी की बूंद

locationभिंडPublished: Oct 26, 2020 10:38:36 pm

आक्रोशित किसान आज करेंगे कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन

20 दिन पूर्व छोडऩा था 3900 क्यूसेक पानी, अभी तक नहीं आई नहरों में पानी की बूंद

भिण्ड क्षेत्र के दबोहा में सूखी पड़ी नहर।

भिण्ड. मैन कैनाल में 06 अक्टूबर तक 3900 क्यूसेक पानी छोड़ा जाना था। 20 दिन गुजरने के बावजूद एक बूंद पानी तक नहर में नहीं आई है। लिहाजा किसान त्राहिमाम कर रहा है। आक्रोशित किसान विकराल होती सिंचाई समस्या के विरोध में 27 अक्टूबर की दोपहर 12 बजे कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे।

बता दें कि भिण्ड जिले में 300000 हेक्टेयर रकबा रबी फसल का है। रबी फसल की बोवनी के लिए पलेवा के लिए शुरूआती पानी भी किसानों को मुहैया नहीं हो पाया है। 15 दिन पूर्व ही पलेवा हो जाना चाहिए था। नहरों में पानी नहीं छोड़े जाने से किसान पलेवा ही नहीं कर पाया। ऐसे में बोवनी की उम्मीद ही क्या की जा सकती है। जिले के 180000 किसानों में 65 से 70 फीसदी किसान रबी फसल करते हैं। आलम ये है कि निजी ट्यूबवेलों से भी किसानों को बिजली समस्या के चलते पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। खेत में पानी देते वक्त बिजली आधे घंटे के लिए भी चली जाती है तो करीब 15 मिनट तक चला हुआ पानी व्यर्थ हो जाता है, जबकि बिजली की स्थिति ये है कि 24 घंटे में किसानों को 04 से 06 घंटे ही मिल पा रही है।

बरसात कम होने से विकराल हुई सिंचाई के लिए पानी की समस्या


विदित हो कि इस बार गत वर्ष की तुलना में भी बारिश कम हुई है। यदि बरसात पर्याप्त हो जाती तो किसानों को पलेवा के लिए नहर के पानी की आवश्यकता ही नहीं होती। सिंचाई विभाग के अधिकारी कृषकों को लगातार एक पखवाड़े से आज-कल में पानी छोडऩे का आश्वासन देकर गुमराह करते आ रहे हैं। फसल पिछड़ती जा रही है। समय निकलने के बाद किसान बोवनी भी नहीं कर पाएंगे।

प्रशासन की लापरवाही से उपज रही सूखे की स्थिति

जिले में सूखे की स्थिति प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के कारण उपज रही है। यदि समय से नहरों में पानी छोड़ा गया होता तो क्षेत्र में रवी फसल के लिए पलेवा तथा बोवनी के लिए भयावह स्थिति निर्मित नहीं होती। 06 अक्टूबर तक भिण्ड मैन कैनाल में 3900 क्यूसेक पानी छोड़ा जाना था। आलम ये है कि 26 अक्टूबर की शाम तक भिण्ड की सीमा से गुजरी नहरों में एक बूंद भी पानी नहीं पहुंचा है।

आचार संहिता के बावजूद प्रदर्शन करने पर आमादा हुए कृषक


किसान संघर्ष समिति अध्यक्ष संजीव बरुआ के अनुसार पिछले चार साल से अतिवर्षा, ओलावृष्टि का सामना कर रहा किसान पहले से ही आर्थिक रूप से इतना टूट गया है कि ज्यादा कुछ सह पाने का साहस नहीं बचा है। किसानों द्वारा फसल की सिंचाई के लिए पिछले एक माह से पानी की मांग की जा रही थी, लेकिन अनदेखा और अनसुना किया जा रहा है। यही वजह है कि आचार संहिता के बावजूद किसानों को अपने गुस्से का प्रदर्शन करने के लिए विवश होना पड़ रहा है।
पानी भिण्ड मैन कैनाल में छोड़ दिया गया है। कल तक पानी भिण्ड की सीमा में पहुंच जाएगा। क्षेत्र के किसानों की समस्या
एसपी झा, एसई जल संसाधन विभाग भिण्ड

शेड्यूल के हिसाब से पानी छोड़ेंगे नहरों में पानी किसान की जरूरत के मुताबिक नहीं। अगले 20 दिन बाद पानी छोड़ पाएंगे।
बीके गर्ग, एसई चंबल संभाग जल संसाधन विभाग
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