राधेगोपाल यादव ने शहर के अटेर रोड क्षेत्र में छौलियाना नर्सरी से सटे एक किसान के निजी खेत में खुद के व्यय पर २०० मीटर का एक अस्थायी ट्रेक, एक पिट लोंग जम्प के लिए तैयार की है तथा गोला (शॉटपुट) फेंक के लिए तीन रिंग बनवाए हैं। प्रतिदिन सुबह ६ बजे यहां तकरीबन ४० से ५० युवक और युवतियां नियमित रूप से आते हैं। राधेगोपाल यादव उन्हें भर्ती परीक्षाओं के शारीरिक परीक्षण से जुड़े खेलों की बारीकियां समझाते हैं। कई बार वे युवाओं को Óखुद करकेÓ भी दिखाते हैं।
राधेगोपाल यादव के अनुसार, वह पिछले दो दशक से जिले में युवाओं को निस्वार्थ भाव से खेलों के लिए तैयार कर रहे हैं। स्टेडियम होते हुए भी शहर में खेलों के लिए कोई पुख्ता और व्यवस्थित इंतजाम नहीं हैं जिससे स्थानीय युवा लिखित परीक्षा पास करने के बाद शारीरिक परीक्षा में असफल हो जाते हैं। उन्होंने युवाओं को इसी संकट से उबारने के लिए निजी स्तर पर एक खेत को एथलेटिक्स खेलों का टेम्परेरी ग्राउण्ड बनाया है। इसमें खेत मालिक शिवमंगलसिंह भदौरिया सहयोग कर रहे हैं। युवाओं के भविष्य को देखते हुए उन्होंने इस बार अपने छ: बीघा के खेत में रबी की कोई फसल नहीं बोई है।
बालिका बोली है सुरक्षित जगह ग्राउण्ड पर प्रेक्टिस करने आ रही वंदना सविता, रागिनी यादव, कविता कुशवाह, पूनम तोमर, रजनी बघेल एवं वर्षा भदौरिया कहती हैं, लड़कियों को खेलने के लिए शहर में कहीं भी सुरक्षित मैदान नहीं है। इस मैदान पर हम तनावमुक्त ढंग से प्रेक्टिस कर पाते हैं। पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती की तैयारी कर रहे बादल यादव एवं दिव्यमान भदौरिया का कहना था कि यहां प्रेक्टिस करने में काफी सहूलियत है क्योंकि मैदान का नियमित रूप से रख रखाव होता है और पानी का छिड़काव होने से मिट्टी भुरभुरी है, जबकि स्टेडियम और अन्य सरकारी खेल मैदानों की स्थिति खराब है। राधेगोपाल यादव के साथ संदीपसिंह कुशवाह, संजीव भदौरिया और अरविंद तोमर भी युवाओं का मार्गदर्शन कर रहे हैं।