आम तौर पर तो कुष्ठ रोगियों को चिह्नित करने तथा उन्हें नि:शुल्क उपचार उपलब्ध कराने के लिए पूरे साल ही चिन्हिकरण का काम चलता है, लेकिन इस बार एक से लेकर 30 अगस्त तक शासन के निर्देश पर विशेष रूप से चर्म रोगी खोज अभियान चलाया गया था। इस अभियान में 11125 संदिग्ध मरीजों को सूचीबद्ध किया गया था। मेडिकल परीक्षण के बाद इनमें से 135 कुष्ठ रोगियों को चिह्नित किया गया था, जबकि अप्रैल से 17 अक्टूबर तक 199 रोगियों में कुष्ठ की पहचान की जा चुकी है। जिले को इस बार 180 रोगियों को खोजने का टारगेट दिया गया था। लक्ष्य से इस बार 19 मरीज ’यादा निकले हैं। गत वर्ष चलाए गए अभियान के दौरान 161 मरीजों की पहचान की गई थी। स्वास्थ्य विभाग ने 73 कुष्ठ रोगियों को स्पेशल केटेगिरी में रखा गया है, कुष्ठ के प्रभाव से इनके अंग भी गलना शुरू हो गए हैं। इन रोगियों को एक साल के लिए नि:शुल्क मल्टी ड्रग थिरेपी दी गई है। अधिकांश रोगियों को कुष्ठ की पहचान नहीं होती। इसके अलावा वे समाज में बदनामी के डर से भी बीमारी को उजागर करने से परहेज करते हैं। परिवार में यदि एक भी रोगी है तो फिर पूरे परिवार को संक्रमित होने की संभावना रहती है। इसलिए परिवार के सदस्यों को भी दवा लेना अनिवार्य है।
4800 घरों में नहीं हो पाई दस्तक अगस्त के महीने में चलाए गए अभियान के दौरान जिले के सभी 2.77 लाख घरों में दस्तक देने की योजना तैयार की गई थी। इनमें से 2.29 लाख घरों को स्कैन कर लिया गया है, लेकिन रोजगार के लिए घर से बाहर होने के कारण 4800 घर अभी शेष रह गए हैं। दीपावली पर घर आने की संभावना के चलते इसी माह से इन घरों में दस्तक देेने की योजना तैयार की गई है।
गोहद के गुहीसर और कचोंघर में निकले सबसे ’यादा मरीज कुष्ठ खोज अभियान के दौरान गोहद तहसील के गुहीसर में सबसे अधिक सात मरीज मिले हैं, जबकि भिण्ड के कचोंघरा में भी एक साल के भीतर ही 11 कुष्ठ रोगियों को चिह्नित कि या जा चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि कुष्ठ का वायरस वायुमंडल में रहता है। संक्रमित मरीज के संपर्क में रहने से स्वस्थ्य मरीज भी कुष्ठ का शिकार हो जाता है। परिवार के व्यक्तियों पर ’यादा खतरा रहता है, लेकिन प्री-ट्रीटमेंट लेने से खतरा टल भी जाता है।
18.30 लाख है जिले की जनसंख्या 11125 संदिग्ध मरीज 30 अगस्त तक चिह्नित कि ए 199 रोगी अभी तक संक्रमित पाए गए 73 मरीज गंभीर अवस्था में पाए गए 242 मरीज जिले में पूर्व से हैं उपचाररत
–अप्रैल से अब तक 199 कुष्ठ रोगियों को मैदानी अमले द्वारा चिह्नित किया गया है। इनमें से गंभीर अवस्था में पाए गए मरीजों का उपचार भी शुरू कर दिया गया है। संक्रमित पाए गए मरीजों के परिजनों को भी प्री-ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। एक साल में 72 को रोग मुक्त किया जा चुका है।
डॉ. एसके व्यास, जिला कुष्ठ अधिकारी भिण्ड