बता दें कि, मामला जिले के आलमपुर का है। यहां रविन्द्र कौरव उर्फ टिंकु पिछले कई दिनों से पीएम आवास योजना के लिये नगरपालिका और अन्य अधिकारियों के चक्कर काट रहा था, पर उन्हें किसी तरह की सहायता नहीं मिली। सुसाइड नोट के अनुसार, जब भी युवक कार्यालय जाता, तो उसे वहां से निकाल दिया जाता। इसकी शिकायत टिंकु द्वारा आला इधिकारियों से भी की गई, बावजूद इसके किसी अधिकारी ने भी उसकी विधा नहीं सुनी। टिंकू ने इस संबंध में सीएम हेल्पलाइन (181) पर भी शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन वहां भी सुनवाई नहीं हुई। जब पीड़ित को कही से कोई मदद मिलती नजर नहीं आई तो उसने अपनी जमीन बेच कर मकान बनाना चाहा पर ऐसा भी नहीं हो सका।
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पुलिस जांच में मिला सुसाइड नोट
फिलहाल, घटना की जानकारी लगते ही पुलिस मौके पर पहुंची, पुलिस जांच में मृतक के पास से एक सुसाइड भी नोट मिला है। पुलिस द्वारा बताया गया कि, चिट्ठी में हवाला दिय़ा कि, युवक पिछले कई दिनों से परेशान था। उसके उपर एससी एसटी का केस भी दर्ज करा दिया गया था। मोहल्ले के लोगों ने उसके साथ मारपीट भी की। सुसाइड नोट में नगर पालिका द्वारा मदद न मिलने से परेशान होकर आत्महत्या का फैसला लेने की बात कही गई है।
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मृतक के परिवार का अब कोई सहारा नहीं
बता दें कि, टिंकू अपने घर का अकेला करता धर्ता था। मृतक के घर में उसकी पत्नी, मां और 13 साल की एक बच्ची हैं, जिनका अब कोई सहारा नहीं बचा। वहीं, दूसरी तरफ परिजन ने शोकाकुल परिवार को मदद की मांग की हैं। साथ ही, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की है।
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