उक्त नलकूपों का खनन कराने के लिए एस्टीमेट बनाते समय 28 से 79 मीटर तक नीचे होने की अनुमान लगाया गया था, लेकिन मई में भीषण गर्मी के कारण वर्तमान में भूजल स्तर 3 से 5 मीटर तक नीचे चला गया है। यही कारण है कि ठेकेदार इस मौसम में खनन करने से बच रहे हैं और वे बरसात के बाद तक कार्य को खींचना चाह रहे हैं। पेयजल समस्याग्रस्त स्कूलों में करीब दो साल पहले शासन ने 54 स्कूलों के लिए 70.20 लाख की राशि प्रति हैंडपंप 1.30 लाख स्वीकृत की थी। 7 माह पूर्व हैंडपंप खनन का कार्य समय पर कराने के लिए पीएचई मैकेनिकल खंड ग्वालियर को ’िाम्मेदारी सौंपी गई थी। विभाग ने सभी औपचारिकताएं भी पूरी कर लीं, लेकिन सभी स्कूलों में अभी तक खनन नहीं हो पाया है। इस बीच मई के माह में भूजल स्तर नीचे गिर जाने से करीब 80 हैंडपंप अस्थाई रूप से बंद हो गए हैं। इनमें 10 फीट तक पाइप लाइन डालने की आवश्यकता होगी। स्कूल खुलते ही इन स्कूलों में पानी की समस्या हो सकती है।
पानी संकट के चलते नहीं हो पा रहा शौचालयों का उपयोग पानी की समस्या से जूझ रहे इन स्कूलों में लाखों रुपए की लागत से महिला एवं पुरुष शौचालयों का अलग-अलग निर्माण क राया गया है। परिसर में पानी की सुविधा न होने के कारण साफ सफाई न होने से इनका उपयोग भी नहीं हो पा रहा। ’यादातर प्रधानाध्यापकों ने तो शौचालयों में ताला डाल रखा है। ब”ाों को भी खुले मैदान का उपयोग करना पड़ता है। ब”ाों के भी पीने के पानी की इन स्कूलों में समस्या बनी रहती है।
-जिन स्कूलों के आसपास काफी दूर तक पानी नहीं है उन स्कूलोंं में प्राथमिकता के आधार पर हैंडपंपों का खनन कराया जा रहा है। लॉकडाउन के कारण कार्य प्रभावित हुआ है। लेबर का संकट रहा है। कुछ हैंडपंपों में भूजल स्तर गिरने से समस्या आ रही है। इस संबंध में सीनियर अधिकारियों से चर्चा कर हल निकाला जाएगा।
रविशंकर शर्मा, सहायक यंत्री जिला शिक्षा केंद्र भिण्ड