लोड शेडिंग कटौती से उद्यमी त्रस्त, बिजली का संकट कर सकता है बेचैन
भिवाड़ीPublished: Aug 14, 2023 06:56:09 pm
मांग आपूर्ति में आया बड़ा अंतर, इकाइयों को अभी हो रहा 30 फीसदी नुकसान


लोड शेडिंग कटौती से उद्यमी त्रस्त, बिजली का संकट कर सकता है बेचैन
भिवाड़ी. औद्योगिक क्षेत्र में बिजली की कमी आने वाले सप्ताह में बड़ा संकट खड़ा कर सकती है। विद्युत निगम मुख्यालय से जारी गाइडलाइन में आगामी सप्ताह में बिजली की बढ़ती मांग, मांग के अनुपात में बिजली नहीं मिलने पर आपूर्ति बाधित होने के संकेत दिए हैं। जबकि औद्योगिक क्षेत्र में 12 मई से सप्ताह में दो दिन सोमवार मंगलवार को शाम सात से सुबह पांच बजे तक लोड शेडिंग चल रही है। सोमवार को खुशखेड़ा, कारोली, सलारपुर, चौपानकी, कहरानी, पथरेड़ी, सारेखुर्द और मंगलवार को भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र की नियमित उत्पादन और कैपटिव इकाइयों को 50 प्रतिशत बिजली उपयोग और अन्य इकाई को सिर्फ पांच प्रतिशत उपयोग की अनुमति है। पांच प्रतिशत में इकाई के अंदर कोई उत्पादन नहीं हो सकता, सिर्फ प्रकाश व्यवस्था रह सकती है। इसके साथ ही उद्यमी निगम में स्टाफ की कमी की वजह से बाधित बिजली व्यवस्था से त्रस्त चल रहे हैं। नियमित उत्पादन वाली इकाइयों को 30 फीसदी का नुकसान हो रहा है।
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इस तरह बिगड़ा बिजली तंत्र
बिजली की औसत खपत तीन हजार लाख यूनिट प्रतिदिन है। विद्युत की अधिकतम मांग 16000 मेगावाट तक है, जो कि राष्ट्रीय स्तर पर 205977 मेगावाट तक दर्ज हुई है। राज्य विद्युत उत्पादन निगम की छबड़ा तापीय संयंत्र की दो इकाई (910 मेगावाट) वार्षिक रखरखाव हेतु बंद है। इसके अतिरिक्त कोटा तापीय संयंत्र की एक (210 मेगावाट), सूरतगढ़ तापीय संयंत्र की दो (910 मेगावाट) एवं छबड़ा तापीय संयंत्र की एक (250 मेगावाट) इकाई अचानक तकनीकी खराबी की वजह से बंद है। देश के दक्षिणी राज्य में स्थित तापीय संयंत्र कूडगी, कोस्टल एनर्जीन, वेल्लारी की इकाई बंद है। पवन ऊर्जा के उत्पादन में ३८ प्रतिशत कमी है। एक्सचेंज से पर्याप्त बिजली नहीं मिल पाने की वजह से विद्युत व्यवस्था बनाए रखने के लिए आगामी सप्ताह में औद्योगिक, नगर पालिका क्षेत्र तथा जिला मुख्यालय पर घोषित कटौती के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में रात्रि के समय एक से डेढ़ घंटे की विद्युत कटौती संभावित है।
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छह हजार इकाइयों पर असर
लोड शेडिंग में फैक्ट्रियों को उनके स्वीकृत विद्युत भार के एक निश्चित अनुपात में ही बिजली खपत की अनुमति दी जाती है। अगर किसी फैक्ट्री का भार २०० केवीए है तो उसे ५० प्रतिशत लोड शेडिंग अवधि में १०० केवीए पर ही उत्पादन करना होता है। वर्तमान में चल रही लोड शेडिंग का असर क्षेत्र की करीब छह हजार इकाइयों पर पड़ रहा है।
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जिस दिन बिजली पर्याप्त मात्रा में मिलती है उस समय उपभोग पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया जाता है। गत सप्ताह भी इकाईयों को पूरी बिजली दी गई। प्रदेश में चल रहे बिजली संकट को लेकर अभी कोई आदेश नहीं आए हैं।
सतीश चंद्र शर्मा, एक्सईएन, विद्युत निगम
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औद्योगिक क्षेत्र की बिजली व्यवस्था चरमराई हुई है। निगम के पास स्टाफ नहीं है। फॉल्ट समय पर ठीक नहीं होते। उद्यमियों को समय पर सूचना नहीं मिलती। नियमित उत्पादन वाली इकाइयों को ३० फीसदी नुकसान हो रहा है। लोड शेडिंग के अलावा प्रतिदिन दो तीन घंटे की कटौती हो रही है। प्रवीन लांबा, अध्यक्ष, बीआईआईए