भिवाड़ी

कैसे पूरा होगा मार्च में वित्तीय लक्ष्य, सरकारी विभागों में ही फंसा 13.83 करोड़ का बिजली बिल

नगर परिषद जमा कराए बिल तब निगम की खाताबही होगी दुरस्त

भिवाड़ीMar 21, 2024 / 07:46 pm

Dharmendra dixit

कैसे पूरा होगा मार्च में वित्तीय लक्ष्य, सरकारी विभागों में ही फंसा 13.83 करोड़ का बिजली बिल

भिवाड़ी. वित्तीय वर्ष समापन की ओर है। राजस्व अर्जन करने वाले विभाग वित्तीय लक्ष्य को पूरा करने में लगे हैं। भिवाड़ी में मामला दो विभागों के बीच उलझा हुआ है। एक विभाग को 12 करोड़ रुपए देने हैं लेकिन उसका खजाना रिक्त पड़ा हुआ है, जबकि दूसरे विभाग को इतनी ही राशि लेनी है जब उसका वित्तीय लक्ष्य पूरा होगा। मामला विद्युत निगम और नगर परिषद से जुड़ा हुआ है।
मार्च अंत में खाताबही को दुरस्त करने के लिए विद्युत निगम की मशीनरी बिल वसूली में लगी हुई है। नए एवं पुराने बकाए को 31 मार्च से पहले जमा कराने का लक्ष्य सभी अभियंता और फीडर प्रभारियों को मिला हुआ है। निगम की कार्यशैली के अनुसार जिसके क्षेत्र से बिल वसूली कम होगी उस पर कार्रवाई की तलवार लटकेगी। मामला सरकारी विभागों से बकाएदारी लेने में अटक रहा है। विद्युत निगम के विभिन्न सरकारी कार्यालयों के नाम करीब 651 कनेक्शन हैं जिन पर 13.83 करोड़ रुपए का बकाया चल रहा है। इस बकाए में सबसे अधिक राशि नगर परिषद पर है। नगर परिषद की स्ट्रीट लाइट, कार्यालय, एसटीपी प्लांट पर करीब 12 करोड़ की बकाएदारी है। इस बकाएदारी के लिए निगम खूब जोर लगा रहा है। निवर्तमान और वर्तमान कलक्टर के सामने भी बिजली बिल बकाए का मामला आ चुका है। बकाया राशि प्राप्त नहीं हो रही है, इसकी बड़ी वजह नगर परिषद के कोष में पर्याप्त राशि नहीं होना है। नगर परिषद ने कुछ महीने पहले 68 लाख का बिल जमा कराया लेकिन बकाया करोड़ों में होने से जितना कम हुआ उतना अब तक बढ़ चुका है। दो दिन पूर्व भी नगर परिषद ने 50 लाख का चेक सौंपा है। बिल राशि अधिक होने से निगम का खाता दुरस्त नहीं हो रहा है।
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इन विभागों पर भी बकाया
बिजली बिल का पीएचईडी पर 63 लाख, आरएचबी पर 23 लाख, रीको द्वितीय कार्यालय स्ट्रीट लाइट के 19 लाख, पुलिस क्वार्टर पर 17 लाख, रीको प्रथम कार्यालय स्ट्रीट लाइट के 14 लाख, बीडा पर 8.50 लाख रुपए बकाया हैं। अन्य विभागों पर भी लाखों रुपए में देनदारी है। अगर आम उपभोक्ता देय तिथि से 15 दिन में बिल जमा नहीं कराता है तो निगम उसका कनेक्शन काट देत है। सरकारी विभाग निगम के नियम की वर्षों से पालना नहीं कर रहे लेकिन इन पर कार्रवाई नहीं होती।
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सफाई ठेकेदार को चार महीने से भुगतान नहीं हुआ है। कोष में पर्याप्त राशि नहीं है। देनदारियां अधिक हैं। इसलिए बिल अदा नहीं हुआ है।
रामकिशोर मेहता, आयुक्त, नगर परिषद
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घरेलू, व्यावसायिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं द्वारा समय पर बिल जमा कराया जा रहा है। कुछ सरकारी विभाग का बिल जमा नहीं होने से मार्च का दबाव बढ़ता जा रहा है।
एससी महावर, एक्सईएन, विद्युत निगम
विद्युत निगम कार्यालय।

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