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सीईटीपी से कनेक्शन नहीं तो जलापूर्ति रोकेगी रीको, बोरिंग को भी कराएगी बंद

locationभिवाड़ीPublished: Sep 22, 2023 08:05:05 pm

Submitted by:

Dharmendra dixit


अगर गंदा पानी नहीं छोड़ते तो उपयोग भी नहीं करने देंगे

सीईटीपी से कनेक्शन नहीं तो जलापूर्ति रोकेगी रीको, बोरिंग को भी कराएगी बंद
सीईटीपी से कनेक्शन नहीं तो जलापूर्ति रोकेगी रीको, बोरिंग को भी कराएगी बंद

भिवाड़ी. उद्योगों में गंदे पानी के शोधन के लिए कनेक्शन लेने में आनाकानी करने वाली इकाईयों पर प्रशासन कई तरफ से सख्ती दिखाने की तैयारी हैं। जिन इकाइयों ने अभी तक कनेक्शन नहीं लिए उन्हें नोटिस दिए जा चुके हैं। इसके साथ ही जो सर्वे कराया था, उसमें उन इकाइयों में रीको द्वारा की जाने वाली जलापूर्ति और उनके स्वयं के जलापूर्ति के साधनों की भी ध्यान रखा गया है। यदि ये इकाई कनेक्शन नहीं लेती हैं तो उद्योग बंद करने के साथ में रीको द्वारा जलापूर्ति को बाधित करने और उनके स्वयं के बोरिंग को भी सीज किया जाएगा। प्रशासन का मानना है कि जब इन इकाइयों में पानी का उपयोग नहीं है तो उन्हें जलापूर्ति भी नहीं करनी चाहिए।
मंगलवार को कलक्टर डॉ. ओपी बैरवा ने समीक्षा बैठक में संबंधित विभागों को सख्ती बरतने के निर्देश दिए थे। सीईटीपी पाइप लाइन से कनेक्शन नहीं लेने और खुले में गंदा पानी छोडऩे वाले उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया था। इसके बाद प्रदूषण मंडल ने २२६ इकाइयों को नोटिस देकर २५ सितंबर तक जबाव मांगा गया है। कंपनियों के जबाव से पूर्व १७ टीमों से कराए गए इन पहलुओं पर भी ध्यान दिया गया कि उक्त कंपनी द्वारा कितना पानी उपयोग किया जा रहा है। रीको के अलावा संबंधित कंपनी द्वारा किन अन्य स्त्रोत से जलापूर्ति की जा रही है। जिससे कि उसके द्वारा विभिन्न तरीकों से छोड़े जाने वाले पानी की क्षमता का पता किया जा सके। क्योंकि जो कंपनी कनेक्शन लेने में देरी कर रही हैं या जिन्होंने अभी तक कनेक्शन लेने की प्रक्रिया शुरू नहीं की है, उनके द्वारा पानी उपयोग नहीं लेने की बात कही जा रही है। छह सितंबर को गठित 17 टीम ने जो सर्वे किया है उसमें 915 इकाई चिन्हित हुई हैं। इसमें से 455 इकाइयों ने कनेक्शन ले लिए हैं। 81 इकाइयों में कनेक्शन लेने की प्रक्रिया चल रही है और २२६ इकाइयों ने कनेक्शन लेने के लिए आवेदन और जरूरी निर्माण नहीं किया है। वहीं १५३ इकाई बंद पाई गई हैं जिनमें किसी प्रकार का उत्पादन होते नहीं मिला है।
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दबाव और बचाव शुरू
वहीं प्रदूषण मंडल से नोटिस मिलने के बाद उद्यमियों ने भी दबाव और बचाव की रणनीति शुरू कर दी है। विभिन्न तरीके अपनाकर कनेक्शन नहीं लेने की जुगत बिठाई जा रही है। वहीं स्थानीय प्रशासन कलक्टर के आदेश होने का हवाला देकर किसी प्रकार की मदद करने से बच रहे हैं। क्योंकि पूर्व में भी पानी के सैंपल मामले को लेकर मामला अभी तक दबा नहीं है। बायपास पर जलभराव से हुई फजीहत के बाद हकीकत भी सभी के सामने आ चुकी है। अगर इस बार राहत देने की कोशिश की तो आने वाले समय में भी गंदे पानी का मुद्दा बरकरार रहेगा।
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