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भिवाड़ी

नई पेयजल लाइन बिछाने का अब निकला है मुहूर्त, एक करोड़ से बनी सडक़ें फिर होंगी बदसूरत

सरकारी महकमों में समन्वय, व्यवस्थाकरण के अभाव ने किस कदर अपनी जड़े गहरी जमा रखी है, इसके उदाहरण नित नए दिन देखने व सुनने को मिल जाते है। ऊपर से लेकर नीचे के लेवल तक सिस्टम की यही लापरवाही आमजन की जेब काट सरकार के भरे खजाने को लूटने का जरिया बन रही है और यह भ्रष्टाचार का पर्याय भी है। अगर व्यवस्थित तरीके से सरकारी प्रोजेक्ट के कार्य कराए जाएं तो सरकारी खजाने को न केवल खाली होने से बचाया जा सकता है, बल्कि यह राशि बार-बार एक ही कार्य के बजाय अन्य विकास कार्यों में काम आ सकती है।

भिवाड़ीDec 14, 2022 / 08:54 pm

Ramkaran Katariya

नवनिर्मित टंकी

भिवाड़ी. भगतसिंह कॉलोनी स्थित नवनिर्मित टंकी।,भिवाड़ी. भगतसिंह कॉलोनी स्थित नवनिर्मित टंकी।,भिवाड़ी. भगतसिंह कॉलोनी स्थित नवनिर्मित टंकी।

भिवाड़ी. सरकारी महकमों में समन्वय, व्यवस्थाकरण के अभाव ने किस कदर अपनी जड़े गहरी जमा रखी है, इसके उदाहरण नित नए दिन देखने व सुनने को मिल जाते है। ऊपर से लेकर नीचे के लेवल तक सिस्टम की यही लापरवाही आमजन की जेब काट सरकार के भरे खजाने को लूटने का जरिया बन रही है और यह भ्रष्टाचार का पर्याय भी है। अगर व्यवस्थित तरीके से सरकारी प्रोजेक्ट के कार्य कराए जाएं तो सरकारी खजाने को न केवल खाली होने से बचाया जा सकता है, बल्कि यह राशि बार-बार एक ही कार्य के बजाय अन्य विकास कार्यों में काम आ सकती है। पर ऐसा हो नहीं रहा। पुलिस जिला भिवाड़ी में तो यह कतई संभव नहीं लगता। ताजा मामला और सामने आया है। करीब चार साल पहले यहां विभिन्न स्थानों पर एक करोड़ से सडक़ों का निर्माण कराया गया था, जिन्हें अब फिर तोडक़र बदसूरत किया जाएगा।

मामला यह है कि भिवाड़ी की भगतसिंह कॉलोनी के ए और बी ब्लॉक में नवनिर्मित पानी की टंकी से उपभोक्ताओं को नल कनेक्शन दिए जाने है। इसके लिए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने रोड कटिंग के लिए टेंडर भी लगा दिया है। टेंडर खुलते ही कनेक्शन जारी करने का कार्य प्रगति पर आ जाएगा। सवाल यह है कि करीब चार साल पहले यहां एक करोड़ रुपए की लागत से सडक़ निर्माण के दौरान ही यह कार्य क्यों नहीं किया गया? उक्त सेक्टर में एलएंडटी की ओर से सीवरेज लाइन बिछाने के दौरान सडक़ों को खोदा गया था। जिसके बाद सभी का नए सिरे से चार साल पहले निर्माण किया गया था। अब उक्त कार्य के लिए तब बनी सडक़ों को फिर तोड़ कर बदसूरत कर दिया जाएगा। अभी तक कॉलोनी में बीडा की पुरानी लाइन से ही जलापूर्ति की जा रही है। बीडा ने कुछ समय पहले ही अपनी पेयजल लाइन और संसाधन जन स्वा. अभि. विभाग को सौंपे थे। अब क्षेत्र में चल रहे प्रोजेक्ट के तहत कॉलोनी में जलापूूर्ति होनी है। जलदाय विभाग के कनेक्शन का काम होने से एक बार फिर इन सडक़ों को क्षतिग्रस्त किया जाएगा।

होंगे 800 नल कनेक्शन
आरएचबी सेक्टर दो में नवनिर्मित टंकी के ढह जाने के बाद भगतसिंह कॉलोनीवासियों ने यहां निर्मित टंकी पर स्टे ले लिया था। मामला लंबित होने से टंकी की टेस्टिंग नहीं हो सकी। नल कनेक्शन भी नहीं हो सके। फरवरी-मार्च में टंकी की टेस्टिंग पर लगा स्टे हटने के बाद विभाग ने टेस्टिंग शुरू की। अब दोनों ब्लॉक के करीब 800 मकानों में नल कनेक्शन किए जाएंगे। इस प्रक्रिया में सडक़ों की कटिंग की जाएगी।

नौ लाख लीटर क्षमता की टंकी का कराया निर्माण
76 करोड़ रुपए के पेयजल प्रोजेक्ट के तहत विभाग की ओर से गुरुद्वारा के सामने स्थित पार्क में नौ लाख लीटर क्षमता की टंकी का निर्माण 2019 में ही पूरा हो चुका। नई टंकी के निर्माण में करीब एक करोड़ रुपए की लागत आई है। करीब चार साल पूर्व निर्माण होने के बाद भी टंकी से अभी तक आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी है।

अलवर यूआईटी ने टंकी बनाई, काम नहीं आई
अलवर यूआईटी की ओर से यहां 90 के दशक में एक टंकी का निर्माण कराया गया था। उस टंकी में तकनीकी खामी की वजह से उससे जलापूर्ति नहीं हुई। बीडा के ट्यूबवेल से सीधी आपूर्ति होती रही। ट्यूबवेल खराब होने, लाइन में लीकेज होने पर जलापूर्ति प्रभावित हो जाती है। अब पुरानी टंकी के बराबर में ही नई टंकी का निर्माण किया गया है। नई टंकी के निर्माण के बाद पुरानी टंकी को जन स्वा. अभि. विभाग की ओर से गिराया जा चुका है।

दो टंकियों का निर्माण शेष
76 करोड़ के पेयजल प्रोजेक्ट में 19 टंकियों का निर्माण होना था। जिनमें से 17 टंकियों का निर्माण हो चुका है। आरएचबी सेक्टर दो में ढही टंकी की जगह दूसरी टंकी निर्माण के लिए जमीन आवंटित हो चुकी है। निर्माण शुरू होने का इंतजार है। घटाल में पहाड़ी पर टंकी निर्माण होना है। दो स्थानों पर टंकी निर्माण का काम शेष है। एलएंडटी ने सीवरेज लाइन और जन स्वा. अभि. विभाग ने जलापूर्ति के लिए पेयजल लाइन नगर परिषद क्षेत्र में एक साथ बिछाई है। कई जगह ऐसे मामले भी सामने आए है कि विभाग की टीम जलापूर्ति शुरू कराने पहुंची तो वहां पर पूरी लाइन ही गायब हो गई। कई जगह लीकेज नहीं मिलने की वजह से पूरी सडक़ को ही खोदना पड़ा और दोबारा से लाइन बिछानी पड़ी। सीवरेज और पेयजल लाइन की खुदाई और बिछाई के दौरान लाइन में कट और लीकेज बड़ी मात्रा में हुए। दोनों ही विभागों ने एक-दूसरे की कमी बताई। अगर भगतसिंह कॉलोनी में भी ऐसा ही हुआ तो सडक़ों की स्थिति बहुत अधिक खराब हो जाएगी। इधर मामले में जन स्वा. अभि. विभाग के एईएन निशांत प्रकाश का कहना है कि रोड कटिंग के लिए टेंडर कर दिया है। टेंडर खुलते ही नए कनेक्शन शुरू कर देंगे। इसके बाद नई टंकी से जलापूर्ति की जाएगी।

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