scriptregistrar office will start working like passport office in three mont | तीन महीने में पासपोर्ट कार्यालय की तरह काम करने लगेगा रजिस्ट्रार ऑफिस | Patrika News

तीन महीने में पासपोर्ट कार्यालय की तरह काम करने लगेगा रजिस्ट्रार ऑफिस

locationभिवाड़ीPublished: Jul 05, 2023 08:11:10 pm

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Dharmendra dixit


ढावा पर भवन मिला, रीको से समझौता हुआ, जल्द होगा सौंदर्यीकरण शुरू, अभी तक नहीं है उपभोक्ताओं के बैठने की जगह

तीन महीने में पासपोर्ट कार्यालय की तरह काम करने लगेगा रजिस्ट्रार ऑफिस
तीन महीने में पासपोर्ट कार्यालय की तरह काम करने लगेगा रजिस्ट्रार ऑफिस
भिवाड़ी. राज्य सरकार को हर महीने 10 करोड़ रुपए का राजस्व देने वाला भिवाड़ी का उप पंजीयक कार्यालय अगले दो-तीन महीने में हाईटेक हो जाएगा। पंजीयक कार्यालय को ढावा पर रीको की पुरानी इमारत कार्य संचालन के लिए मिल गई है। इस कार्यालय में पूर्व में कर विभाग का कार्यालय संचालित था। रखरखाव न होने की वजह से भवन में झाड़ फूंक उग आए हैं। दोनों विभागों के बीच समझौता हो चुका है। जल्द ही मुख्यालय के स्तर पर इसमें सौंदर्यीकरण का काम कराया जाएगा। अभी तक पंजीयक कार्यालय में उपभोक्ताओं के बैठने तक की जगह नहीं है। सरकार ने बजट में उप पंजीयक कार्यालय को पासपोर्ट ऑफिस की तर्ज पर विकसित किए जाने की घोषणा की थी। यहां पर सिर्फ उप पंजीयक और रीडर ही कार्यरत होंगे, अन्य स्टाफ निजी फर्म का होगा। पासपोर्ट ऑफिस की तरह सब रजिस्ट्रार कार्यालय विकसित करने के लिए निजी फर्म को टेंडर दिया जाएगा। फर्म द्वारा ही वहां मेन पावर लगाई जाएगी। उनकी निगरानी के लिए सब रजिस्ट्रार और उनका रीडर कार्यरत होंगे। आमजन को दस्तावेजों के पंजीयन के लिए लाइन में लगने की जगह टाइम स्लॉट दिया जाएगा। रोजाना औसतन 30 से 40 दस्तावेजों का यहां पंजीयन होता है, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में लोगों का आवागमन होता है लेकिन जगह कम होने की वजह से सभी को असुविधा होती है। सीएम ने चार शहरों में पासपोर्ट ऑफिस की तर्ज पर मॉडल रजिस्ट्रार ऑफिस खोलने की बजट घोषणा की थी, बाद में छह शहरों को इसमें जोड़ा गया है, इनमें जयपुर, जोधपुर, भिवाड़ी, बीकानेर, अजमेर, उदयपुर, कोटा, सीकर, भरतपुर और बाड़मेर शामिल हैं। भिवाड़ी उप पंजीयन कार्यालय को मॉडल के तौर पर विकसित करने की प्रक्रिया काफी समय से चल रही थी लेकिन भवन नहीं मिलने से बात आगे नहीं बढ़ रही थी। डीआईजी स्टांप एवं एडिशनल आईजी स्टांप ने यहां का दौरा कर कई निजी भवनों को किराए पर लेने के लिए देखा था। पूर्व में उप पंजीयन कार्यालय भवन निर्माण के लिए बीडा द्वारा आलमपुर मंदिर के पास जमीन आवंटित की गई थी लेकिन पीडब्ल्यूडी ने जो मानचित्र स्वीकृत किया, उसके अनुसार जमीन निर्माण के लिए कम थी। इस वजह से भवन का निर्माण नहीं हो सका।
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निर्माण के लिए जमीन पड़ गई कम
उप पंजीयन कार्यालय 20 साल से किराए के भवन में चल रहा है। उप पंजीयन कार्यालय में हर महीने औसतन जमीन, फ्लैट और अन्य संपत्ति की खरीद-बिक्री के एक हजार सौदे होते हैं। जिनसे राज्य सरकार को भी औसतन 8 से 12 करोड़ तक का राजस्व मिलता है। बीडा द्वारा 10 सितंबर 2021 को आलमपुर मंदिर के नजदीक 381.9 वर्गमीटर जमीन उप पंजीयन कार्यालय के लिए आवंटित की गई। जमीन आवंटन के बाद उप पंजीयन कार्यालय द्वारा इसके निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी से दिशा निर्देश मांगे गए। पीडब्ल्यूडी ने जमीन की पैमायश करने के बाद 24 जनवरी 2022 को बताया कि उप पंजीयन कार्यालय निर्माण के लिए यह जमीन कम है। तीन मीटर सेटबैक छोडऩे के बाद निर्माण के लिए पांच मीटर जमीन बचती है, सेटबैक छोडऩे के बाद जो जमीन बचती है उसमें उप पंजीयन कार्यालय निर्माण नहीं हो सकता। पीडब्ल्यूडी से लिखित जवाब मिलने के बाद स्थानीय स्तर से फाइल को मुख्यालय भेज दिया गया है। वहां से इस संबंध में कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। वहीं उप पंजीयन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार भवन निर्माण के लिए 500 वर्ग मीटर जमीन की मांग रखी गई थी, जिसे कि बीडा द्वारा कम कर दिया गया था।
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भवन मिल चुका है, दो से तीन महीने में सौंदर्यीकरण हो जाएगा। इसके बाद हाइटेक तरीके से यहां काम होने लगेगा।
कृष्ण यादव, उप रजिस्ट्रार, भिवाड़ी
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