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हरियाणा के इन दो जिलों में कम्पनी ने खारिज किए फसल बीमा के दावे

locationभिवानीPublished: Aug 14, 2018 03:58:28 pm

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Prateek

हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने क्राॅप कटिंग एक्सपेरिमेंट प्रणाली से फसल क्षति का आकलन किया है और फसल बीमा कम्पनी आईसीआईसीआई लोम्बार्ड ने रिमोट सेंसिंग टेक्नोलाॅजी के जरिए आकलन किया है…

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(चंडीगढ): हरियाणा के दो जिलों सिरसा और भिवानी में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल क्षति के मुआवजे के दावे निजी कम्पनी ने खारिज कर दिए हैं। कम्पनी की दलील है कि कृषि विभाग ने फसल क्षति का जो आकलन किया है वह उसके आकलन से मिलता नहीं है। दोनों जिलों के लिए ये मुआवजा दावे खरीफ फसल 2017 के लिए हैं और यह राशि 390 करोड रूपए बनती है।


हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने क्राॅप कटिंग एक्सपेरिमेंट प्रणाली से फसल क्षति का आकलन किया है और फसल बीमा कम्पनी आईसीआईसीआई लोम्बार्ड ने रिमोट सेंसिंग टेक्नोलाॅजी के जरिए आकलन किया है। कम्पनी की ओर से कहा जा रहा है कि नतीजों से हमारा आकलन सही साबित हो रहा है। कम्पनी ने ऐसे विवादों के समाधान के लिए केन्द्र के स्तर पर बनी तकनीकी सलाहकार कमेटी के समक्ष अपना पक्ष रखा है और अब कमेटी को फैसला करना है। तकनीकी सलाहकार समिति की बैठक सोमवार को नई दिल्ली में होने वाली थी लेकिन वह स्थगित कर दी गई।

 

उधर,हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कम्पनी ने फसल बीमा दावों पर गलत विवाद खडा किया है। अब विभाग ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत केन्द्र के स्तर पर गठित तकनीकी सलाहकार समिति के समक्ष मामला रखा है। इस विवाद के चलते सिरसा जिले में कपास की फसल के 170 करोड और भिवानी जिले में बाजरा की फसल के 220 करोड रूपए के बीमा दावे लम्बित है। इस कम्पनी को फसल बीमा के लिए कुछ जिलों का एक क्लस्टर दो वर्षों के लिए दिया गया था। इन दो जिलों के बाद कम्पनी को अन्य जिलों के बीमा दावों पर भी फैसला करना है।

 

कम्पनी को रबी की फसल का प्रीमियम भी दिया जा चुका है। किसान संगठनों का आरोप है कि कम्पनी का रवैया टालमटोल का है। पहले तो कम्पनी ने बीमा दावों के निपटारे के लिए तारीखें बढाई और अब दावों को स्वीकार करने से ही इनकार कर दिया। कृषि विभाग के अधिकारियों का भी कहना है कि कम्पनी ने उन पांच जिलों में कोई विवाद खडा नहीं किया जहां कि फसल बीमा दावे की राशि कम थी। सिरसा और भिवानी जिलों में फसल बीमा दावे की राशि अधिक है इसलिए विवाद खडा किया गया है।

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