केंद्र की यूपीए सरकार के दौरान झज्जर के बाढसा में एम्स-टू की स्थापना का ऐलान किया गया था। अब पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेवाड़ी के मनेठी में देश का 22 वां एम्स स्थापित करने का ऐलान किया है। जिसे लेकर गफलत बनी है। सूत्रों के अनुसार यह मुद्दा सदन में उठने के बाद कृषि मंत्री ओ.पी.धनखड़ ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नढ्ढा से इस बारे में बात की। जिन्होंने विभागीय अधिकारियों ने पूरी रिपोर्ट तलब की तो स्थिति साफ हुई। केंद्र सरकार ने दिल्ली स्थित एम्स में मरीजों की संख्या बढऩे के बाद झज्जर के बाढसा में एम्स-पार्ट टू स्थापित करने का फैसला किया था। यह पूरी तरह से एम्स नहीं होगा अलबत्ता दिल्ली में चल रहे एम्स का विस्तार होगा। जिसमें हार्ट, किडनी आदि समेत कई बीमारियों का उपचार होगा। दूसरी तरफ मनेठी में बनने वाला एम्स पूरी तरह से दिल्ली की तर्ज पर काम करने वाला एम्स होगा।
क्या होगा झज्जर व रेवाड़ी के एम्स में अंतर
झज्जर के बाढसा में बनने वाला एम्स पूरी तरह से दिल्ली के एम्स का विस्तार होगा। जहां अन्य कई तरह के स्वास्थ्य संस्थानों की स्थापना होगी और वहां पर शोध कार्य होगा। नेशनल कैंसर इंस्टीटयूट भी इसका पार्ट होगा। मनेठी में चलने वाला एम्स पूरी तरह से स्वायत्ता प्रदान होगा। जहां एमबीबीएस की सीटें भी स्वीकृत होंगी जबकि झज्जर वाले एम्स में एमबीबीएस की सीटें स्वीकृत नहीं होंगी।
यूपीए सरकार के समय में झज्जर के बाढसा में मंजूरी किए गए एम्स में मेडिकल कालेज भी था। जिसे मौजूदा सरकार ने रद्द करके मनेठी में शिफ्ट कर दिया है। हरियाणा सरकार को चाहिए कि केंद्र पर दबाव बनाकर झज्जर में भी संपूर्ण एम्स की स्थापना करवाए।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा,पूर्व मुख्यमंत्री हरियाणा
हरियाणा सरकार सभी जिलों में मेडिकल कालेज बना रही है। पूर्व सरकार के समय में झज्जर का एम्स केवल घोषणाओं तक ही था। अगर हुड्डा इस संबंध में कोई फाइल दिखाएं या कैबिनेट का फैसला बताएं तो सरकार केंद्र पर दबाव बनाकर झज्जर में भी एम्स की स्थापना करवाएगी। इसके बावजूद हम प्रयास कर रहे हैं कि झज्जर में भी मनेठी की तरह मेडिकल कालेज सहित एम्स बने।
मनोहर लाल खट्टर,मुख्यमंत्री हरियाणा