इस बदलाव के तुरंत बाद ही हरियाणा में चुनावों की घोषणा हो गई। जिसके चलते कुमारी शैलजा ने संगठन का कामकाज चलाने के केवल चुनिंदा पदों पर नियुक्तियां की और फील्ड में उतर गए। विधानसभा चुनाव के बाद कुमारी शैलजा ने प्रदेश कांग्रेस की सभी नियुक्तियों को भंग करने के आदेश जारी किए थे। हालांकि शैलजा से पहले अशोक तंवर अपने कार्यकाल के दौरान प्रदेश तथा जिला कार्यकारिणी का गठन नहीं कर सके थे लेकिन उन्होंने पार्टी के कई प्रकोष्ठ जरूर खड़े किए थे, जिन्हें कुमारी शैलजा द्वारा भंग किया जा चुका है।
अब हरियाणा कांग्रेस जनवरी माह के पहले पखवाड़े में प्रदेशव्यापी सदस्यता अभियान शुरू करने जा रही है। इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार करके हाईकमान को भेज दिया गया है। इस अभियान के तहत उन लोगों को भी नए सिरे से फार्म भरने होंगे जो पहले से ही पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं। सदस्यता अभियान के बाद 31 मार्च तक हरियाणा कांग्रेस प्रदेश कार्यकारिणी का गठन तथा जिला अध्यक्षों का चुनाव करने की तैयारी में है। इसके बाद ब्लाक और विधानसभा स्तर पर नियुक्तियां की जाएंगी।
शैलजा नहीं चाहती लगे पांच रुपए सदस्यता शुल्क हरियाणा में कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं की फीस अशोक तंवर के कार्यकाल से ही विवादों में रही है। तंवर जहां हुड्डा गुट पर पार्टी फंड नहीं देने के आरोप लगाते रहे हैं वहीं हुड्डा गुट के विधायक पूर्व अध्यक्ष पर पार्टी फंड में गोलमाल करने के आरोप जड़ते रहे हैं। इसी दौरान अब फिर से सदस्यता शुल्क चर्चा में है। कांग्रेस द्वारा सदस्यता अभियान के दौरान फार्म भरने वाले व्यक्ति से पांच रुपए लिए जाएंगे। हालांकि कुमारी शैलजा व्यक्तिगत रूप से इस हक में नहीं हैं कि यह शुल्क लिया जाए। जिसके चलते उन्होंने हाईकमान को यह प्रस्ताव दिया है कि इस शुल्क को समाप्त कर दिया जाए।