scriptहरियाणा सरकार ने गन्ने की सभी किस्मों पर प्रति क्विंटल दस रूपए दाम बढाए | raised the price per quintal on all varieties of sugarcane in haryana | Patrika News
भिवानी

हरियाणा सरकार ने गन्ने की सभी किस्मों पर प्रति क्विंटल दस रूपए दाम बढाए

नारायणगढ़ व भादसो चीनी मिल को किसानों का भुगतान एक सप्ताह के भीतर करने के निर्देश दिए गए हैं…

भिवानीDec 28, 2018 / 02:49 pm

Prateek

shuger can file photo

shuger can file photo

(चंडीगढ,भिवानी): हरियाणा सरकार ने गुरूवार को गन्ने की सभी किस्मों की खरीद पर प्रति क्विंटल दस रूपए बढा दिए। प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि हरियाणा कृषि के क्षेत्र में देश के अन्य राज्यों के तुलना में सर्वोत्तम कार्य कर रहा है और इस कड़ी में आगामी गन्ना पिराई सीजन के लिए गन्ने के मूल्य में 10 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही हरियाणा देश में गन्ने का सर्वाधिक मूल्य देने वाला राज्य बन गया है।

 

उन्होंने कहा कि अब गन्ने की अगेती किस्म के लिए दाम 330 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 340 रुपये, मध्यम किस्म के लिए 325 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 335 रुपये प्रति क्विंटल तथा पछेती किस्म के लिए 320 रुपये प्रति क्विंटल से क्विंटल से बढ़ाकर 330 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। उन्होंने कहा कि कच्चे आलू को भी भावांतर भरपाई योजना में शामिल कर दिया गया है। आमतौर पर फरवरी में निकलने वाले आलू को पहले इसमें शामिल किया गया था।

पुराने ऋण को नए ऋण में बदल रही कांग्रेस— धनखड़

उन्होंने कहा कि हरियाणा में किसानों को सहकारी बैंकों से ब्याजमुक्त फसली ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी किसान कर्ज माफी के नाम पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं बल्कि हकीकत यह है कि केवल अल्पकालीन फसली ऋण ही कुछ कांग्रेस शासित राज्यों में माफ करने की घोषणा की गई है। हरियाणवी में इसे पुराने ऋण को नए ऋण में बदलना कहा जाता है।


कृषि तकनीक बढाने के लिए कमेटी गठित

उन्होंने कहा कि गन्ने की पैदावार प्रदेश में बढ़ रही है और इसको देखते हुए गुड़ व खाण्डसारी बनाने की अत्याधुनिक किस्म की इकाई लगाने के लिए एक कमेटी गठित की गई है जो 15 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। पहले ये इकाईयां लघु उद्योग के रूप में छोटे स्तर पर थी। अब ऑर्गेनिक व मानव का हाथ भी न लगे ऐसी तकनीक से गुड़ व खाण्डसारी बनाने की इकाईयां लगाई जाएं।

 

उन्होंने बताया कि नारायणगढ़ व भादसो चीनी मिल को किसानों का भुगतान एक सप्ताह के भीतर करने के निर्देश दिए गए हैं। भादसो चीनी मिल की ओर 11.18 करोड़ रुपये तथा नारायणगढ़ चीनी मिल की ओर लगभग 24 करोड़ रुपये बकाया है। उन्होंने बताया कि सरकार उन्हीं चीनी मिलों को आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाती है जो निर्धारित शर्ते पूरी करते हैं। यमुनानगर की सरस्वती चीनी मिल इस आर्थिक सहायता का लाभ उठा चुकी है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो