परिवार का एकमात्र सहारा थे शहीद हरि सिंह
शहीद जवान हरी सिंह हरियाणा के रेवाडी जिले के राजगढ़ गांव के रहने वाले थे। हरी सिंह के गांव और उनके परिवार का सेना से पुराना नाता रहा है। हरी सिंह के गांव के अधिकतर लोग सेना में अपनी सेवा दे चुके है। और अभी भी ज्यादातर लोग सुरक्षाबलों में विभिन्न पदों पर है। शहीद हरी सिंह के पिता अगड़ी सिंह भी सेना में थे,उनका स्वर्गवास हो चुका है। पिता के जाने के बाद परिवार की पूरी जिम्मेदारी हरी सिंह पर आ गई थी। वह अपने परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य थे। हरी सिंह अपने पीछे अपनी मां पिस्ता देवी, पत्नी राधा बाई और एक साल के बेटे लक्ष्य को छोड़ गए है। हरी सिंह की तीन बहने भी है जिनकी शादी हो चुकी है। हरी सिंह की शहादत की ख़बर मिलने के बाद से ही परिवार में कोहराम मचा हुआ है। आज देर शाम तक शहीद का शव पैतृक गांव पहुंचने की संभावना है।
बता दें कि सुरक्षाबलों को रविवार को दक्षिण कश्मीर के पुलावामा जिले के पिंगलिना में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। इसके बाद सुरक्षाबलों की ओर से सर्च आपरेशन चलाया गया। इस दौरान एक इमारत में आतंकियों के छिपे होने की सूचना सुरक्षाबलों को मिली। इस बिल्डिंग को घेर लिया गया। आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी जिससे मुठभेड शुरू हो गई। सुरक्षाबलों ने उस बिल्डिंग को ही उडा दिया जिसमें आतंकी छिपे हुए थे। रविवार रात से शुरू हुई यह मुठभेड़ अभी तक जारी है।