दिल्ली-जयपुर हाइवे से गांव तक लगभग 15 किलोमीटर के बीच में सैकड़ों लोग श्रद्धांजलि देने के लिए फूलमालाएं लेकर खड़े थे। इनमें बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे भी थे। सेना के वाहन में जब पार्थिव शरीर राजगढ़ स्थित जवान के घर पहुंचा तो उसकी वृद्ध मां पिस्ता देवी, पत्नी राधा देवी व परिजन अपने पर काबू नहीं रख पाए और ताबूत से लिपटकर रो पड़े। राधा की गोद में इकलौता 10 महीने का मासूम बेटा लक्ष्य इस नजारे को देख-देख कर रोए जा रहा था। वह अपने पिता की शहादत से बेखबर था। पत्नी बेहोशी की हालत में थी और मां निढाल हो चुकी थी। पड़ोस की महिलाएं दोनों को पानी पिला कर ढाढस बंधा रही थी। एक किलोमीटर दूर पंचायती जमीन पर अंत्येष्टि की व्यवस्था की गई थी। यहां पर गुस्से से भरे लोगों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। 10 माह के बच्चे लक्ष्य को गोदी में लेकर पिता के पार्थिव शरीर तक ले जाया गया। लक्ष्य ने पिता का पैर छूआ और रस्म के तौर पर मुखाग्नि दी।