इस बीच देशभर में 151 लोगों ने पुलिस हिरासत में जान गंवाई, जबकि वर्ष 2020 में ये आंकड़ा 100 था। एक अन्य सवाल के जवाब में बताया गया कि, 2020 में मध्य प्रदेश में न्यायिक हिरासत में 155 लोगों की मौत हुई थी। वर्ष 2019 में यह आंकड़ा 143 था। गृह मंत्रालय द्वारा बताया गया कि, न्यायिक और पुलिस अभिरक्षा में सुरक्षा संबंधी निर्देश राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग द्वारा जारी किए जाते हैं। पुलिस और कारागार की व्यवस्था राज्यों का विषय है।
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राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से जारी आंकड़ों के मुताबिक, न्यायिक हिरासत में मौत के मामले में भी मध्य प्रदेश चौथे नंबर पर है। साल 2020 में मध्य प्रदेश में न्यायिक हिरासत में मौत के 155 मामले सामने आए। सबसे ज्यादा 443 मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज हुए। इसके बाद पश्चिम बंगाल में 177, बिहार में 156 और महाराष्ट्र में 130 केस दर्ज हुए। वर्ष 2020 में देशभर में कुल 1840 लोगों की न्यायिक हिरासत में मौत हुई।
6 साल में पुलिस हिरासत में 62 मौत
तक 690 लोगों ने जान गंवाई है। मानवाधिकार आयोग ने 2018 से 2020 तक मध्य प्रदेश में हिरासत में हुई मौत के 15 मामलों में 41 लाख रुपए क्षतिपूर्ति देने की सिफारिश की है।
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