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बड़ा खुलासाः तीन राज्यों में चल रहा था अब तक का सबसे बड़ा हावाला कारोबार, 25 कंपनियां पकड़ाईं

locationभोपालPublished: Jan 17, 2019 12:59:17 pm

Submitted by:

Faiz

बड़ा खुलासाः तीन राज्यों में चल रहा था अब तक का सबसे बड़ा हावाला कारोबार, 25 कंपनियां पकड़ाईं

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बड़ा खुलासाः तीन राज्यों में चल रहा था अब तक का सबसे बड़ा हावाला कारोबार, 25 कंपनियां पकड़ाईं

भोपालः पिछले एक सप्ताह से चल रही आयकर विभाग की कार्रवाई में मध्यप्रदेश अब देश की सबसे बड़ी हवाला मंडी के रूप में उजागर हुआ है। इस एक हफ्ते की कार्रवाई में एमपी से जुड़े तार दिल्ली और कोलकाता तक जाकर जुड़े हैं। आयकर विभाग द्वारा की कार्रवाई में कुछ ऐसे तथ्य उभरकर सामने आए हैं, जिसमें विभाग कें अधिकारियो ने चौकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि, ये अब तक का प्रदेश का सबसे बड़ा हवाला कारोबार है। अधिकारियों के मुताबिक, इस घोटाले में लगभग 1 हज़ार करोड़ से ज्यादा की रकम का हेरफेर किया गया।

एमपी से यूं जुड़े हवाला के तार

मध्य प्रदेश के कटनी हवाला कांड के बाद उजागर हुए इस नेटवर्क में एमपी समेत तीन राज्य सम्मिलित पाए गए है। कटनी हवाला कांड से ही सुर्खियों में आए सतीश सरावगी इस प्रचंड हवाला कांड की प्रमुख कड़ी है। आयकर विभाग द्वारा की गई कार्रवाई में सामने आया कि, इस पूरे उलटफेर का मास्टर माइंड या फिर हवाला किंग दिल्ली निवासी चंद्रभूषण बजाज है जिसके तय ठिकानों पर आयकर विभाग की टीम ने दबिश दी है। एमपी में भी सतीष सरावगी के अलावा दो नए नाम और सामने आए है। इनमे कटनी का अरुण गोयल और रीवा का संजय मिश्रा भी शामिल है। खास बात ये है कि सभी ने महाकालेश्वर माइन्स एण्ड मिनरल्स नाम की फर्जी कंपनी बनाकर। इसके ज़रिये हवाला का पैसा घुमा रहे थे।

फर्जी कंपनी से जुड़ी खास बातें

विभागीय कार्रवाई में इस पूरे हवाला के खेल का मुख्य आरोपी दिल्ली में बैठा चंद्रभूषण बजाज है। जिसने मध्य प्रदेश में भी अपने मोहरे बैठा रखे थे। इनमें सतीष सरावगी, अरुण गोयल और संजय मिश्रा शामिल हैं। इन चारों लोगों ने मिलकर 11 अप्रैल 2011 को महाकालेश्वर माइंस एंड मिनरल्स नाम की कंपनी कंपनी का गठन किया। जिसके ज़रिये इन चारों लोगों ने मिलकर इतने बड़े पैमाने पर इस काोबार को शुरु किया। इसके बाद इन सभी ने मिलकर कागजों पर करीब 25 से अधिक कंपनियां बना लीं, ये कंपनियां जमीन पर थी हीं नही। इन्ही कंपनियों में करोड़ों का कारोबार दिखाकर बैंको से लोन लिया गया। इस लोन की राशि का इस्तेमाल हवाला के इस खेल में किया गया। खास बात ये है कि ये बोगस कंपनिया कोलकला में कम्प्यूटर एंट्री ऑपरेटर चलाता रहा। ऑपरेटरों को हर कंपनी में प्रति ट्रांजेक्शन के लिए 0.2 प्रतिशत कमीशन देती थीं।

बोगस कंपनियों में से खास कंपनियां

इस हवाला कारोबार का ज़रिया बनी जिन फर्जी कंपनियों का नाम अब तक की विभागीय कार्रवाई में सामने आई हैं, उनमें मुख्य तोर पर अल्फा कोल बेनिफिकेशन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लॉरेल माइंस एंड मिनरल्स, लॉरेल माइंस एंड मिनरल्स, मोहित मिनरल्स लिमिटेड, रेडरोज़ सप्लाई, ब्राइटसन एक्यिटी, एक्शन डीलमार्क समेत करीब दो दर्जन कंपनियां शामिल हैं। इसके बाद भी आयकर विभाग के अधिकारियों का दावा है कि, फिलहाल अभी कार्रवाई जारी है। अधिकारियों का मानना है कि, आने वाले समय में इस हवाला कारोबार से जुड़े और भी कई चौकाने वाले खुलासे होंगे।

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